मूल (चंद्रपुर)। विधानसभा के चुनाव का धमाल ख़त्म हुआ है अब सबका ध्यान है 19 अक्टूबर के दिन का, जीस दिन आएंगे चुनाव के नतीजे. अलग-अलग टिव्ही समाचारों के माध्यम से दिखाया जा रहा है सर्वेक्षण, जिससे बल्लारपुर विधानसभा के मैदान में उतरे उम्मीदवारों के दिल की धड़कन बढ़ रही होगी इसमें कोई शंका नहीं है. लेकिन पिछले लोकसभा के चुनाव में सभी पक्ष, आघाडी तथा कोई महायुति में सहभागी हुए थे. साथ ही ये मतदार संघ इसके हिस्से में और वो मतदार संघ उसके हिस्से में ऐसा चित्र देखने को मिला.
प्रमुख पक्ष कहे जाने वाले काँग्रेस-राष्ट्रवादी काँग्रेस, भाजपा-शिवसेना और मित्र पक्ष के नेताओं में और कार्यकर्ताओं में हमारा ये कार्य नहीं हुआ, हमारे पक्ष के विरुद्ध में कार्य किया गया ऐसी पक्षश्रेष्ठीं के पास शिकायतें लिखित दी गयी थी. इस वजह से पक्ष के अंतर्गत कलह निर्माण हुआ था. जिससे पक्षश्रेष्ठीं का विश्वास भी अनेकों ने खो दिया था.
लेकिन हालही में हुए विधानसभा के चुनाव में हम ही श्रेष्ठ कहने वाले सबी पक्षों ने अपनी युति तोड़कर स्वतंत्र रूप से मतदारों के आगे खड़े रहकर अपने पक्ष के बलबुते पर, कोई अपने नेता के दम पर तो कोई अपने किये हुए विकास कार्यों के बलबूते पर अपनी ताकत झोंक दी. तन-मन-धन और सैम-दाम-दंड-भेद का भी उपयोग किया गया गया. मतदारों ने भी सभी पक्षों की और उम्मीदवारों की परीक्षा ली.
अब किसमे कितना है दम यह देखेंगी जनता 19 अक्टूबर को. तभी समझेगा जनता को और मतदारों के पक्ष के नेताओं और उम्मीदवारों की सही किमत क्या है. जिससे जो पीछे रहेगा उसे और उनके पक्ष को राजनीती करना है तो आनेवाले पांच सालों तक रुकना पड़ेगा. अब चुनाव के मैदान उतारना और मतदारों को उल्लू बनाना उतना आसान नहीं रहा. लेकिन ये सच है की 19 तारीख को किसमें कितना दम है देखना रोचक होगा.