नागपुर: राज्य में महापरीक्षा पोर्टल के माध्यम से विविध प्रकार की सरकारी पदभर्ती परीक्षा ली जा रही है, लेकिन महापरीक्षा पोर्टल में भारी गड़बडी होने के कारण इसका परिणाम विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ रहा है. पोर्टल में तकनीकी खराबी होने के कारण छात्रों के भारी नुकसान को ध्यान में रखते हुए उन्हें न्याय दिलाने के लिए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विशाल मुत्तेमवार मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पोर्टल बंद कर शासकीय पद्धति से परीक्षा आयोजित करने की मांग की है.
वर्ष 2017 में राज्य सरकार ने विभिन्न शासकीय विभागों के पदभर्ती की जिम्मेदारी ‘महाआईटी’ को सौंपी थी. विभाग द्वारा ‘महापरीक्षा पोर्टल’ निर्माण करने के बाद इसके माध्यम से पदभर्ती की परीक्षा ली जा रही है. पोर्टल के माध्यम से वन विभाग, राजस्व विभाग की भर्ती परीक्षा ली गई. वहीं पशु संवर्धन विभाग, ग्राम विकास विभाग समेत अन्य विभाग की परीक्षा होनी बाकी है.
परीक्षा में अनुपस्थित फिर भी मिल रहे मार्क्स
विद्यार्थी परीक्षा में अनुपस्थित होने पर भी अंतिम गुणवत्ता सूची में उसका नाम शामिल होने की शिकायत मिल रही है. इसके अलावा स्थानीय जिले के अलावा दूसरे जिले में परीक्षा केन्द्र देने, गलत प्रश्नों के मार्क्स एक साथ देने, परीक्षा के दौरान सामूहिक कापी करने, पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा नहीं लेने जैसे कई मामले सामने आ रहे हैं. महापरीक्षा पोर्टल पर 20 से 25 दिन परीक्षा ली जाती है उसमें भी हर दिन परीक्षा का स्वरूप बदल दिया जाता है. इसी कारण किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा का स्वरूप समझ नहीं आता है.
परीक्षा को लेकर कई बार विद्यार्थियों द्वारा आंदोलन किए गए लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है. आने वाले दिनों में शासकीय भर्ती का दूसरा चरण शुरू होने वाला है.
इसमें पुलिस विभाग, ग्राम विकास विभाग, जिल्हा परिषद, पशुसंवर्धन विभाग आदि विभागों की पदभर्ती की जाएगी. इसलिए वन विभाग और तलाठी परीक्षा में हुई गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए आगामी परीक्षा आफलाइन और पारदर्शक पद्धति से आयोजित करने की मांग उम्मीदवारों ने की है.