Published On : Fri, Jan 18th, 2019

ताड़ोबा में नए नियम : अधिकारी अपने विवेक से 10% तक दे सकते हैं वीआईपी एंट्री

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नागपुर: नियमों को ताक पर रखकर वन विभाग के अधिकारियों की ओर से भारी मात्रा में ताड़ोबा वन्यजीव संरक्षित वनक्षेत्र में पर्यटकों और सफारी वाहनों को प्रवेश दिए जाने को लेकर अविनाश प्रभुने की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से अदालत को बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार अब ताड़ोबा के बफर जोन में सफारी के लिए प्रवेश को लेकर नई नियमावलि तैयार की गई है, जिसके अनुसार प्रतिदिन 125 सफारी वाहनों को प्रवेश दिए जाने है.

इसमें से 10 प्रतिशत वीआईपी और अन्य वाहनों को अपने विवेक के अनुसार प्रवेश देने के अधिकार प्रोजेक्ट डायरेक्टर को दिए गए हैं. हाईकोर्ट के आदेशों पर नई नियमावलि तैयार होने की जानकारी उजागर होने के बाद न्यायाधीश रवि देशपांडे और न्यायाधीश विनय जोशी ने याचिका का निपटारा कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. तुषार मंडलेकर और वन विभाग की ओर से अधि. उके ने पैरवी की.

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नए नियमों को चुनौती देने की स्वतंत्रता
सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से बताया गया कि अब 30 अक्टूबर 2018 को जारी किए गए नए नियमों को भी इसी याचिका में अर्जी दायर कर चुनौती देने का प्रयास याचिकाकर्ता की ओर से किया जा रहा है. जिस पर अदालत ने याचिका का निपटारा करते समय याचिकाकर्ता को नए नियमों को चुनौती देने के लिए अलग से याचिका करने की स्वतंत्रता भी प्रदान की. गत सुनवाई के दौरान वन विभाग की ओर से पैरवी कर रहे वकील का मानना था कि अक्टूबर 2017 के बाद सफारी के लिए 125 वाहनों से अधिक को अनुमति नहीं दी गई.

जिसमें वीआईपी के प्रवेश भी शामिल है. निश्चित ही इसके पहले कुछ अधिक वाहनों को प्रवेश दिया गया. प्रोटोकाल और वीआईपी के संदर्भ में पूछे जाने पर वकील का मानना था कि कई बार मंत्रालय या संबंधित उच्च अधिकारियों की ओर से उनके संबंधित लोगों के लिए प्रवेश देने की सूचनाएं जारी की जाती हैं. ऐसे में वीआईपी के तहत उन्हें प्रवेश दिया जाता है.

894 वीआईपी वाहनों का प्रवेश
याचिकाकर्ता ने याचिका में बताया कि सूचना के अधिकार के तरह प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल से दिसंबर 2015 तक कुल 904 सफारी वाहनों का जंगल में प्रवेश हुआ था, जिसमें 64 वाहन अवैध थे. इसके अलावा 31 अक्टूबर 2016 से 6 नवंबर 2016 में 894 वीआईपी वाहनों का ताड़ोबा में प्रवेश हुआ है जबकि नियमों के अनुसार इन 7 दिनों में केवल 394 वाहनों को ही प्रवेश दिया जाना चाहिए था. सूचना के अधिकार के तहत उजागर हुई जानकारी के अनुसार क्षमता से अधिक वाहनों और पर्यटकों को प्रवेश दिए जाने का खुलासा हुआ है जिससे वन, वन्यजीव और पर्यावरण का काफी नुकसान होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

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