गोंदिया नगर परिषद का हाल देखिए… यहाँ काम करने नहीं, बल्कि वेतन खाने की परंपरा चल रही है!
नागपुर टुडे के कैमरे पर पड़ताल में खुला , मुफ्त वेतन खोरी का खेल… सीईओ से लेकर टाउन प्लानर तक ऑफिस से गायब… नगर परिषद बाजार विभाग दफ्तर की सभी टेबल फाइलों से पट्टी पड़ी है लेकिन दफ्तर में एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं है और
जनता घंटों धक्के खाकर लौटी मायूस!
खाली टेबल–कुर्सियाँ और चलते पंखे ,जलती लाइटें गवाही दे रहे हैं नगर परिषद में जवाबदेही नाम की चीज़ बची ही नहीं!
अब बड़ा सवाल -क्या इन अफसरों–कर्मचारियों पर कलेक्टर महोदय कार्रवाई करेंगे या फिर ये लापरवाही यूँ ही जारी रहेगी ?
सीईओ का चैंबर तालाबंद , एडिशनल सीईओ की टेबल सूनी
ऑफिस टाइम में अफसर और कर्मचारी गायब है , सीईओ का चैंबर ताला बंद, एडिशनल सीईओ की टेबल सूनी… टाउन प्लानिंग से लेकर बाजार विभाग तक अफसर नदारद कमरे सूने।
जनता कह रही- यहां कामकाज नहीं, सिर्फ टाइमपास और बिजली की बर्बादी है!
दोपहर 2 से 4:30 तक दफ्तर में सन्नाटा पसरा है जैसे दफ्तर नहीं, भूत बंगला हो!
नगर रचना विभाग के चपरासी का खुलासा- सब प्रभाग संरचना के काम से इलेक्शन ड्यूटी में कलेक्टर बिल्डिंग स्थित नगर परिषद दफ्तर गए हैं… मगर पब्लिक का काम कौन करेगा ? इसका जवाब ना तो एसडीओ के पास है और ना ही नगर परिषद मुख्य अधिकारी के पास ?
क्योंकि इनके द्वारा व्यवस्थित शेड्यूल न बनाए जाने के कारण इसका खामियाजा गोंदिया की आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है और जनता कठिनाइयों का सामना करते हुए नगर परिषद कार्यालय पहुंचती है तथा बिना कामकाज हुए उल्टे पैर लोग वापस लौट हेतु विवश है।
काम नहीं , सिर्फ वेतन खोरी.. जनता घंटों धक्के खाकर लौटी मायूस
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय दफ्तरों के लिए एक सामान्य और निश्चित कामकाज का समय सुबह 10 से शाम 6 बजे तक का है इसमें दोपहर में 1 घंटे का भोजन अवकाश भी शामिल होता है।
कार्यालयीन समय के दौरान उपस्थित रहकर काम करने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं बावजूद इसके गोंदिया नगर परिषद के अधिकारी और कर्मचारियों की आदत में सुधार नहीं हो पा रहा है ।
आम पब्लिक की शिकायत मिलने पर हमने गोंदिया नगर परिषद कार्यालय का जायजा लिया।
प्रत्यक्ष पड़ताल की तो नगर परिषद के नगर रचना विभाग ( टाउन प्लानिंग ) दफ्तर के तीनों कमरों से अधिकारी कर्मचारी नदारद थे यही आलम उपरी मंजिल पर स्थित बाजार विभाग दफ्तर का था।
यहां खाली टेबल कुर्सी और दीवारें ठंडी हवा खा रही थी और कमरों की ट्यूबलाइट जगमगा रही थी , पंखे एसी बेवजह शुरू मिले।
यूं तो गोंदिया , बिजली की आंख मिचौली और विद्युत कटौती से जूझ रहा है लेकिन गोंदिया नगर परिषद कार्यालय में बिजली की खपत को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा यानी गोंदिया नगर परिषद कार्यालय में बिजली संकट नहीं है।
टाउन प्लानिंग तथा बाजार विभाग कार्यालय में बिजली की बेकद्री साफ नजर आई ।
कुल मिलाकर पब्लिक के कामकाज के मामले में गोंदिया नगर परिषद के हाल बेहाल हैं और जनता हलाकान हो रही है।
आवक जावक ( डिस्पैच विभाग ) टैक्स विभाग , सफाई विभाग , बांधकाम विभाग , लाइट विभाग में भी एक दो कर्मचारी ही अपनी सीट पर बैठे नजर आए।
उल्लेखनीय की सरकारी सेवक आचरण नियमावली के तहत अपने आधिकारिक कर्तव्यों को निभाने (कथित कदाचार ) का कोई अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसे निलंबित किया जाता है ।
अब सवाल यह है कि गोंदिया नगर परिषद कार्यालय पर कलेक्टर महोदय का एक्शन कब होगा ?
रवि आर्य