
गोंदिया। गोंदिया जिले के गोरेगांव तहसील में गुरुवार 13 नवंबर को मुंडीपार–टेढ़ा रोड पर ऐसा धमाका हुआ जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया। मरम्मत के लिए मांडोदेवी वर्कशॉप इंजीनियरिंग में लाई गई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की एम्बुलेंस , अचानक आग की लपटों में घिर गई इस दौरान अंदर मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर फटा तो इतना भीषण विस्फोट हुआ कि एम्बुलेंस के लोहे के टुकड़े कई फीट दूर जा गिरे और वाहन पलभर में राख के ढेर में बदल गया।
सिलेंडर फटा , टुकड़ों में बिखरी एम्बुलेंस
घटना दोपहर लगभग 1 बजे मांडोदेवी वर्कशॉप इंजीनियरिंग में हुई, जहां यह एम्बुलेंस पिछले कुछ दिनों से दुरुस्ती के लिए परिसर में खड़ी थी।
चश्मदीदों के मुताबिक-सब कुछ कुछ ही सेकंड में बर्बाद हो गया। पहले एम्बुलेंस के इंजन से धुआं उठा , फिर तेज़ आग की लपटें और फिर ऐसा धमाका कि आसपास के घरों और दुकानों की खिड़कियां तक चटक गईं , वर्कशॉप से लगी दुकान के सामने के हिस्से में भी आग फैल गई।
तेज धमाके से इलाके में अफरा-तफरी मच गई , टीन की चादर उड़कर एक युवक को लगी, हालांकि वह मामूली जख्मी हुआ , गनीमत यह रही कि उस वक्त सड़क पर भीड़ नहीं थी, वरना हादसा विकराल रूप ले सकता था।
इंजन में शॉर्ट सर्किट , वर्कशॉप में तबाही
सूत्रों के अनुसार, शॉर्ट सर्किट आग की मुख्य वजह माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इंजन सेक्शन से उठी चिंगारी ने अंदर रखे ऑक्सीजन सिलेंडर को गर्म किया और फिर सिलेंडर ने विस्फोट कर दिया जिससे एम्बुलेंस के परखच्चे उड़ गए।
आग की सूचना मिलते ही गोरेगांव अग्निशमन दल और पुलिस मौके पर पहुंची।
इस बीच वर्कशॉप में मौजूद अन्य वाहनों को तुरंत हटाकर एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
फिलहाल गोरेगांव पुलिस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है क्योंकि सवाल उठ रहा है कि क्या एम्बुलेंस की मेंटेनेंस प्रक्रिया में लापरवाही हुई?
क्या सुरक्षा नियमों का पालन नहीं हुआ? और क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोई सिस्टम मौजूद है?
जो भी हो , ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल की एम्बुलेंस का इस तरह फटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं-सिस्टम की लापरवाही का संकेत भी है।
रवि आर्य










