Published On : Tue, Apr 22nd, 2014

चंद्रपुर कांग्रेस के आठ बड़े नेता पार्टी से निलंबित

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प्रदेश कांग्रेस की कार्रवाई, पार्टी विरोधी काम करने का आरोप

chandrpurचंद्रपुर.

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के पूर्व एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस ने चंद्रपुर जिले के पुगलिया गुट के आठ दिग्गज नेताओं को पार्टी से निलंबित कर दिया है. इनमें शहर जिला अध्यक्ष गजानन गावंडे और महापौर और संगीता अमृतकर भी शामिल हैं.

चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र के चुनावों में बगावत का इतिहास पुराना है. कांग्रेस के पूर्व सांसद नरेश पुगलिया ने एक समय पूर्व केंद्रीय मंत्री शांताराम पोटदुखे की उम्मीद्वारी पर बगावत का बिगुल बजाया था. बाद में पूर्व कांग्रेस नेता और वर्तमान राकांपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र वैद्य ने पुगलिया जी को ही बगावत का श्वाद चखा डाला था. इसके बाद जिले में पुगलिया और पालक मंत्री देवतले के गुट संगठन पर हावी रहे. इस बार पुगलिया जी ने लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था. लेकिन यह टिकट उनके प्रतिद्वंद्वी संजय देवतले की झोली में चली गई. अपनी इस हार का बदला लेने के लिए पुगलिया गुट के शीर्ष नेताओं ने देवतले की उम्मीद्वारी का कड़ा विरोध किया. इस विरोध में शहर जिला अध्यक्ष गजानन गावंडे, महापौर संगीता अमृतकर, मनपा सभापति रामू तिवारी, मनपा सदस्य अशोक नागपुरे, प्रवीण पड़वेकर, उषा धांडे, बल्लारपुर न.प. अध्यक्ष रजनी मूलचंदानी समेत अन्य नेतागण मुखर रहे.

इतना ही नहीं, इस गुट ने तो देवतले की उम्मीदवारी वापस न लेने पर पार्टी से त्यागपत्र देने की धमकी भी दे डाली थी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तक अपनी नाखुशी जाहिर कर दी थी. लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी. इसके बाद पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए उन सबों को अनेक बार आमंत्रित किया गया, लेकिन इनमें से किसी ने भी उन कार्यक्रमों में शामिल होने की जहमत नहीं उठाई.

चुनावों के दौरान उनके इस रवैये को पार्टी विरोधी मानते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने शहर जिला अध्यक्ष गजानन गावंडे, महापौर संगीता अमृतकर, मनपा सभापति रामू तिवारी, मनपा सदस्य अशोक नागपुरे, प्रवीण पड़वेकर, उषा धांडे, बल्लारपुर न.प. अध्यक्ष रजनी मूलचंदानी और उनके पति बल्लारपुर तालुकाध्यक्ष घनश्याम मूलचंदानी को निलंबित कर दिया.