Published On : Tue, May 29th, 2018

शहर के दसवीं के टॉपर्स ने ‘नागपुर टूडे’ से बांटे अनुभव

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Ashna Chopra and Mihika Dhok

Ashna Chopra and Mihika Dhok (98.60%)

नागपुर: सीबीएसई दसवीं के परीक्षा के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं. नारायणा विद्यालयम की मिहिका ढोक ने ‘नागपुर टूडे’ से बातचीत के दौरान कहा कि उसने एनसीईआरटी की बुक्स से पढ़ाई की है. प्रश्न पत्र हस करे हैं. जिसकी काफी मदद मिली. मिहिका ने बताया कि वह आगे साइंस लेकर इंजीनियर करेगी. उसकी आईआईटी में जाने की इच्छा है. उसके माता पिता दोनों डॉक्टर हैं.

Prerna Agrawal

Prerna Agrawal (98.4)

सेंट ज़ेवियर स्कूल हिंगना की प्रेरणा अग्रवाल ने 98.4 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए हैं. प्रेरणा ने बताया कि वो रोजाना 3 घंटे पढ़ाई करती थी. परीक्षा के समय उसने ज्यादा पढ़ाई की. प्रेरणा को इंजीनियर में ग्रेजुएशन कर सिविल सेवा में जाने की इच्छा है.

Yash Kale (98.2) with Family

भारतीय विद्या मंदिर वलनी के यश काले ने बताया कि उसने एनसीईआरटी की बुक्स से पढ़ाई की है, नोट्स से पढ़ाई की, मॉक टेस्ट किया. यश ने हार्ड वर्क को प्राथमिकता दी. उसे आईआईटी पवई में जाने की इच्छा है.

Kavya Bhartiya

Kavya Bhartiya (74.6%)


काव्या बनी दूसरे विद्यार्थियों के लिए मिसाल

काटोल रोड स्थित सेंटर पॉइंट स्कुल की काव्या भरतिया ने 74.6 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए है. काव्या जन्म से डिसेबल्ड है. उसे चलने फिरने के दौरान स्टिक का सहारा लेना पड़ता है. बावजूद इसके उसने अपनी कमजोरी को अपने लक्ष्य के आड़े नहीं आने दिया. पहली कक्षा से ही सेंटर पॉइंट स्कूल में पढ़नेवाली काव्या के इस सफलता पर उसकी खुद की मेहनत और स्कूल के शिक्षकों का बड़ा योगदान बताया. स्कूल में परीक्षा के दौरान उसे बोर्ड की ओर से राइटर दिया जा रहा था. लेकिन उसने राइटर लेने से इंकार कर दिया और खुद ही अपना पेपर लिखा और तीन घंटे से पहले ही लिखकर दे दिया. काव्या के पिता समीर भरतिया एक बिज़नेसमेन हैं और मां भी बिज़नेस में उनका हाथ बटाती है. काव्या को आगे आर्ट्स लेकर सायकोलॉजी और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करनी है.

Iffat Naz Hayat

Iffat Naz Hayat (93.8)

सेंट विन्सेंट पल्लोटी स्कूल की इफ़्फ़त नाज हयात ने भी 93.8 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए हैं. इफ़्फ़त ने बताया कि उसे जेईई देकर इंजीनियरिंग में जाना है. इफ़्फ़त के पिता जावेद भी एक इंजीनियर हैं. उसने बताया कि रोजाना पढ़ाई, स्मार्ट स्टडी, खुद पर भरोसा और हार्ड वर्क की बदौलत ही उसने यह सफलता पाई है.