नागपुर: आम लोग नियम तोड़ते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन जब नियमों की धज्जियां जिल्हाधिकारी कार्यालय में उड़ते देखा जाए तो इंसान किससे मांगा जाए. जिलाधिकारी कार्यालय के सामने विकलांगों के वाहनों की पार्किंग के लिए जगह आरक्षित है. इसके िलए बाकायदा सूचना फलक भी लगाया गया है। लेकिन यह बोर्ड महज शो पीस से ज्यादा नहीं. लेकिन यहां कभी भी विकलांगो के वाहन या ट्राईसाइकिल दिखाई नहीं देती है, क्योंकि यहां उनके वाहनों को पार्क करने के िलए जगह ही उपलब्ध नहीं होती है. खास बात यह है कि यहां बीते दो माह खुद जिलाधिकारी कार्यालय प्रशासन की नई कारें खड़ी रखी गई हैं.
लेकिन इससे पहले भी सरकारी और प्रायवेट गाड़ियां इस पार्किंग लॉट में पार्क नजर आती रही हैं. नतीजनत विकलांगों को अपने वाहन या तो परिसर में ही जामुन के पेड़ के नीचे या अन्य किसी कोने में रखने पर मजबूर होना पड़ता है. जिससे यहां रोजाना किसी ना किसी काम को लेकर पहुंचनेवाले दिव्यांगों को सबसे पहले पार्किंग के िलए इधर उधर भटकना पड़ता है. यह स्थिति तब है जब दो माह पहले एक वाहन ने पार्किंग लॉट में ही ट्राई साइकल सवार शख्स को टक्कर मार फरार हो गया था. बावजूद इसके स्थितियां सुधरती नजर नहीं आ रही है.
खास बात है अधिकारी होने की वजह से दिव्यांग उनका विरोध भी नहीं कर पाते. जिल्हाधिकारी कार्यालय का यह स्थायी नजारा बन चुका है. लेकिन प्रशासन अधिकारियों के वाहन व विभाग के वाहनो के लिए दूसरी जगह पार्किंग की व्यवस्था मुहैय्या नहीं करा पा रही है. जिसके कारण दिव्यांगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.