Published On : Tue, Apr 23rd, 2019

आरटीई एमिश : यूआरसी 1- 2 की सभा में पालकों के हित में निर्णय, समाधान केंद्र के माध्यम से पालकों की समस्या हो रही है हल

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नागपुर: मुफ़्त शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया की दूसरी बैठक सम्पन्न हुई. इस दौरान प्रमुख मुद्दों में जिसमें पालकों को समस्याएं आ रही थीं उसमें से प्रति आवेदन में दिए गए पते में प्लॉट नंबर गलती से बदलने वाली बात को समिति ने स्वीकार किया. शालाओं द्वारा अवैध तरीक़े से पैसे लेने का मामला भी सामने आया है और इस पर एक पत्र निकालने का आदेश हुआ है. जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार से स्कूलों को पैसे नहीं देना है. जाति प्रमाण पत्र जिन्होंने प्रति आवेदन में जाति का नाम का उल्लेख किया है वे अपनी रसीद में जाति जिला कलेक्टर ऑफ़िस द्वारा दी गई प्रति के आधार पर उनका प्रोविजनल एडमिशन हो जाएगा. न्यायालयीन मामले में बच्चे की कस्टडी जिसके पास हो उस को वैध माना जाएगा.

जो स्कूलों एडमिशन देने से नकार रही हैं उन पर कार्रवाई शिक्षणअधिकारी द्वारा की जाएगी. सिंगल पैरेंट एससी-एसटी कैटिगरी वालों के लिए प्रतिज्ञापत्र व डब्ल्यूसीडी का आवेदन पत्र देना होगा. इसके साथ ही लॉटरी में आए हुए प्रति आवेदनों में यह भी देखा गया कि जिन पालकों को यह कहा गया था कि आप अपनी कास्ट सर्टिफ़िकेट की रसीद लाकर दें, लेकिन उनके द्वारा ग़लत रसीद दी गई है यह कह कर कि यह रसीद कलेक्टर ऑफ़िस के सेतु केंद्र से दी गई है. पालक प्रशासन को गुमराह न करें और सही दस्तावेज़ जमा करने की बात भी समिति ने की है.

समिति की ओर से जितने भी प्रति आवेदन दस्तावेज़ के कारण निरस्त हुए हैं, उनको फ़ोन लगाकर बुलाया जा रहा है. और उनके दस्तावेजों की कमी पूरी करने के लिए को सुचारु रूप से करने का कार्य भी समिति कर रही है. निवासी प्रमाण पत्र के लिए 23 मार्च 2०18 का आदेश और जिन पालकों के निवास स्थान के मालिक कि रजिस्ट्री नहीं हुई है ऐसी हालत में उनकी टैक्स रसीद भी चल जाएगी और मकान मालिक की किराये की रसीद भी चलेगी. आरटीई एक्शन कमिटी एडु फ़ाउंडेशन की ओर से समाधान केंद्र की स्थापना भी की गई है. पालकों को इसका लाभ मिल रहा है. आज URC 1में 145 URC 2 मे 30 आवेदन प्राप्त हुए हैं.