– 6 मार्च की सुबह 9.45 बजे स्थाई समिति के सभापति से 11 या 12 मार्च को रिवाइज सह प्रस्तावित बजट पेश करने के लिए समय की मांग की क्योंकि 12 मार्च को आयुक्त की मनमानी के खिलाफ विशेष सभा आयोजित की गई हैं।
नागपुर – मनपा में नए आयुक्त तुकाराम मूढ़े और सत्तापक्ष के मध्य पहले ही दिन से शह-मात का खेल जारी हैं। परंपरा रही हैं कि अबतक आयुक्त का रिवाइज व अगले आर्थिक वर्ष का प्रस्तावित बजट पेश हो जाया करता था। लेकिन महाआघाड़ी सरकार की नागपुर मनपा के प्रति द्वेष की भावना के कारण व आयुक्त मूढ़े की एकतरफा नित के कारण आजतक दोनों बजट प्रस्तुत नहीं हो पाया।
आयुक्त मूढ़े ने सत्तापक्ष का प्रभाव कम करने के उद्देश्य से टेंडर होने और कार्यादेश जारी होने के बाद अमूमन सभी कामों पर रोक लगा दिए। सत्तापक्ष को तहरिज न देने के साथ उनके करीबी कर्मियों पर भड़ास निकाल कर सत्ताधारियों को चिढ़ा रहे।और तो और आयुक्त मूढ़े ने सरकारी मोहरे के भांति नागपुर मनपा में भाजपा की सत्ता को उससे महरूम करने के लिए मनपा के आर्थिक स्थिति को जर्जर दर्शा कर विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव तैयार करने में अहम भूमिका निभाने का आरोप खुलेआम सत्तापक्ष लगा रही।
आयुक्त मूढ़े के नित से क्षुब्ध होकर 4 मार्च को सत्तापक्ष ने विशेष सभा का आयोजन किया,जिसका विषय आयुक्त की रिवाइज व प्रस्तावित बजट प्रस्तुत करने में लेटलतीफी होने से आगामी वर्ष विकासकार्यो को होने वाली परिणाम पर चर्चा अंकित था।
उक्त विशेष सभा के उद्देश्य से सकपकाए आयुक्त तुकाराम मूढ़े ने आज 6 मार्च की सुबह 9.45 बजे स्थाई समिति सभापति को लिखित पत्र लिख वर्ष 2019-20 की रिवाइज व वर्ष 2020-21 का प्रस्तावित बजट पेश करने हेतु 11 या 12 मार्च 2020 का समय की मांग की। आयुक्त मूढ़े को मालूम था कि जिस वक्त वे स्थाई समिति सभापति को पत्र भेज रहे उस वक़्त नए सभापति का चुनाव प्रक्रिया शुरू होने वाला था। अर्थात इस पत्र का जवाब न पुराना और न ही संभावित दे सकता था। अब देखना यह हैं कि आयुक्त मूढ़े के पत्र पर सत्तापक्ष क्या रुख अख्तियार करती हैं।