Published On : Mon, Feb 19th, 2018

बेटे की सजा पिता की संस्थान को देने का प्रयास

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नागपुर: इन दिनों काटोल के विधायक आशीष देशमुख पृथक विदर्भ के साथ स्थानीय समस्याओं के निवारण के लिए राज्य सरकार से खुल कर दो-दो हाथ किए हुए हैं. इससे खफा राज्य सरकार ने उनके पिता व पूर्व मंत्री रणजीत देशमुख को नागपुर जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा कि उनकी अध्यक्षता वाली लता मंगेशकर अस्पताल की जो जगह सरकार लीज पर शैक्षणिक कार्यों के लिए दी थी, उसका व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है. तो क्यों न सरकार उनसे यह जमीन वापस ले लें.

उक्त नोटिस को सत्ता के विरोधी खुन्नस की राजनीति करार दिए हैं. इसलिए रणजीत देशमुख के बड़े बेटे काटोल से भाजपा विधायक आशीष देशमुख पिछले कुछ माह से राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ पृथक विदर्भ और किसानों की समस्याओं को लेकर उग्र तेवर अख्तियार किए हुए हैं. वर्तमान में आशीष देशमुख ने काटोल में ही अपनी ही सरकार के खिलाफ ठिया आंदोलन शुरू किया. इस आंदोलन को समर्थन देने भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ठिया आंदोलन स्थल पर भेंट दी. आशीष देशमुख ने विदर्भ आत्मबल यात्रा भी निकाली थी. सत्तापक्ष में रहकर सत्तापक्ष के खिलाफत करने की वजह से ही उनके पिता रणजीत देशमुख के खिलाफ अब सरकार ने नोटिस देकर बदला लेने का सिलसिला शुरू किया.

कल जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले काटोल पहुंच आशीष देशमुख से मुलाकात कर मुंबई में मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए आमंत्रण दिया लेकिन आशीष देशमुख ने उसे अस्वीकार कर काटोल में ही मुख्यमंत्री से चर्चा करने की मांग की.