नागपुर: केंद्रीय प्रवेश समिति द्वारा केंद्रीय पद्धति से ग्यारहवीं कक्षा के प्रवेश की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है. इस प्रक्रिया का तीसरा राउंड शुरू हो चुका है. लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया के कारण विद्यार्थियों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. ग्यारहवीं की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया पहले ही विवादों में रही है. कभी जानकारी पुस्तिका को लेकर, तो कभी देर से लगने वाली मेरिट सूची के कारण ऑनलाइन प्रक्रिया काफी तकलीफदेह साबित हो रही है. विद्यार्थियों के लिए ये प्रक्रियाएं भविष्य के लिए घातक साबित ना हो इसका ध्यान रखा जाता है। लेकिन ऐसे में ही एक मेरिट श्रेणी की छात्रा इस नियमों के चलते परेशानियों से घिरी हुई है. दसवीं में 96 प्रतिशत मार्क्स लेनेवाली भाग्यश्री पाटील को शिक्षा मंडल के जाचक नियम व शिक्षा विभाग द्वारा उसके अभिभावकों को योग्य मार्गदर्शन न मिलने के कारण भाग्यश्री को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है. पहले राउंड में उसे पसंद का कॉलेज मिला था. लेकिन उसे ‘फिशरी ‘ पाठ्यक्रम चाहिए था. लेकिन सम्बंधित कॉलेज में फिशरी विषय नहीं था, जिसके कारण उसने एडमिशन ही नहीं लिया.
सेंटर पॉइंट स्कूल से दसवीं कक्षा पास करनेवाली भाग्यश्री को आगे चलकर डॉक्टरी पेशे में करियर बनाना है. लेकिन पसंद के विषय न मिलने से उसने एडमिशन नहीं लिया. जिसके कारण आगे की प्रक्रियानुसार प्रवेश रद्द कर दूसरे राउंड के लिए ‘अप्लाय ‘ न करने से उसे परेशान होना पड़ा. पहली बार नागपुर शहर में ग्यारहवीं प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन पद्धति से की जा रही है. जिसके कारण विद्यार्थी, अभिभावक परेशान हो रहे हैं. एक मेरिट विद्यार्थी को मार्गदर्शन के अभाव में और नियम के कारण एडमिशन से वंचित होने की नौबत आ गई है.
भाग्यश्री के पिता भोजराज पाटिल ने बताया कि जानकारी पुस्तिका के कारण भी काफी कंफ्यूज हो रहे थे. उन्होंने बताया कि प्रवेश के लिए सेंटर से जानकारी पुस्तिका ली जानी थी. जानकारी पुस्तिका में महाविद्यालाओं की सभी जानकारी दी गयी थी. लेकिन जानकारी पुस्तिका के वेबसाइट पर नहीं होने से भी काफी परेशान हुए. उन्होंने बताया की भाग्यश्री ने ग्यारहवीं का ऑनलाइन आवेदन भरते समय पसंद अनुसार भारतीय कृष्णा विद्या विहार , डॉ. आंबेडकर कॉलेज, धनवटे कॉलेज का नाम डाला था. पहले सूचि में उसे चुना हुआ भारती कृष्णा विद्या विहार तेलनखेड़ी महाविद्यालय मिला. लेकिन उस कॉलेज में पसंद का विषय नहीं होने से उसने उस कॉलेज में एडमिशन नहीं लिया. लेकिन दूसरे राउंड में भाग्यश्री का नाम सूची में नहीं होने की बात उसके पिता भोजराज पाटील ने बताई है.
केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया समिति पदाधिकारियों से मुलाक़ात करने के बाद उन्होंने आवेदनकर्ताओं की गलती बताई। जिसके बाद 2 अगस्त के बाद इस विषय पर निर्णय लेने की जानकारी उनकी ओर से दी गई है.