
इस मुद्दे पर सिब्बल ने कहा कि ट्रिपल तलाक 1400 साल पुरानी प्रक्रिया है। इसे असंवैधानिक कैसे कहा जा सकता है। इससे पहले उन्होंने कहा था कि ‘तीन तलाक’ कोई मसला नहीं है, मसला पितृसत्ता का है। हर पितृसत्तात्मक समाज में इस तरह का भेदभाव होता है, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम या पारसी या कोई और।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को साफ कर दिया कि वह फिलहाल समय की कमी के चलते तीन तलाक की संवैधानिक वैधता को लेकर ही सुनवाई करेगा। बहुविवाह और निकाह हलाला पर सुनवाई बाद में की जाएगी।









