Published On : Fri, Aug 4th, 2017

Video: टोलप्लाजा में जनता से लूट का खेल उजागर

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Hingna-Wadi Toll Plaza
नागपुर: 
सोशल मीडिया इन दिनों जनता के लिए अभियक्ति का बड़ा हथियार बन कर उभर रहा है। इसका इस्तेमाल कर आम आदमी न सिर्फ अपनी बात लोगों तक पहुँचा रहा है बल्कि आम जनजीवन में होने वाली समस्याओं को भी साझा कर रहा है। सोशल मीडिया के ही एक अंग फेसबुक का इस्तेमाल कर नागपुर के अजय शाहू ने टोल प्लाज़ा में जनता से होने वाली लूट को उजागर किया। मिट्टी की मूर्तियों के कारोबार से जुड़े अजय शाहू ने फ़ेसबुक पर एक विडिओ अपलोड़ किया जिसमें उन्होंने वाड़ी-हिंगणा स्थित टोलप्लाज़ में टोल के भुगतान के समय अपने मोबाइल क़ैमरे से विडिओ शूट किया। इस विडिओ में अजय शाहू और टोल कर्मियों की बातचीत रिकॉर्ड है।

विडिओ देखे

इस विडिओ में अजय सिंगल टोल के भुगतान के एवज में 60 रूपए की जग़ह 90 रूपए माँगे जाने पर आपत्ति जता रहे है। वो जिस ट्रक में सवार है वह टोल प्लाज़ा के बैरियर में ही खड़ा है। उनकी आपत्ति के बाद एक टोल कर्मी उनके पास आता है। उससे अजय 60 रूपए की बजाये 90 रूपए वसूले जाने का सवाल करते है तो वह बदतमीजी करता है। वह अजय को कहता है की उन्हें 90 रूपए का ही भुगतान करना पड़ेगा।

अजय जब उसे टोल प्लाजा में लगे होर्डिंग में सिंगल पासिंग के लिए 60 रूपए का रेट लिखे जाने की बात कहते है तो वह बौखला जाता है और उसकी शिकायत करने के लिए कहता है। हंगामा देख टोल प्लाज़ा का एक वरिष्ठकर्मी अजय के पास पहुँचता है वह उनकी शिकायत लेता है। अजय से वह उन्हें दी गई पर्ची मांगता है। अजय उसे पर्ची देते है जिसे देख वह ख़ुद दंग रह जाता है वह वापस उसी टोलकर्मी के पास जाता है जिसने अजय को इसे दिया था। वापस आकर वह बताता है की यह पर्ची टोल की नहीं बल्कि टोल भुगतान का डिस्काउंट कूपन है।

इस विडिओ की हकीकत का दावा नागपुर टुडे नहीं करता लेकिन अगर यह सब टोल नाके पर हो रहा है तो यह न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि जनता के साथ सीधी लूट भी है। नागपुर टुडे से बात करते हुए अजय शाहू ने इस विडिओ को खुद बनाने का दावा किया है। उनके मुताबिक एक ओर राज्य को टोल मुक्त करने की घोषणा हुई है दूसरी तरफ़ आम जनता की लूट का सिलसिला शुरू है। उन्होंने इस पर आपत्ति उठाई तो उनके साथ बुरा व्यवहार हुआ। हर दिन न जाने कितने लोगो के साथ ग़ैरक़ानूनी ढंग से पैसे ऐठने का काम होता है। यह सिर्फ पब्लिक का नुकसान नहीं बल्कि सरकार का भी है। इस पर लगाम लगनी चाहिए।