दो बाघो की आपसी लड़ाई में हुई मौत
नागपुर: दक्षिण ब्रम्हपुरी रेंज में मंगलवार 9 अगस्त 2016 को एक नर बाघ की मौत हो गई। बुधवार सुबह इस बात की जानकारी वन विभाग को मिली। जिसके बाद बाघ के शव को बरामद कर उसका पोस्टमार्टम किया गया। बाघ के शव को पदमपुर बीट-भुज राउंड से बरामद किया गया है। बाघ के शव पर नाख़ून, दांत के निशान और जख्म थे। साथ ही उसके सभी अंगो ने काम करना बंद कर दिया था। जिस हालत में बाघ बरामद हुआ है उससे कयास लगाया जा रहा है कि किसी अन्य बाघ के साथ लड़ाई होने की वजह से वह घायल हुआ और उसके बाद उसने दम तोड़ दिया। मृत बाघ का अंतिम मुव्हमेंट मंगलवार 9 अगस्त शाम 7 बजकर 41 मिनट पर मिला था। जिसके 6 घंटे बाद उसका मोर्टेलिटी एलर्ट वन विभाग को प्राप्त हुआ। जिसके बाद वन विभाग ने उसकी खोज शुरू की और उसका शव बरामद किया।
वन विभाग के मुताबिक मृतक बाघ सब एडल्ट था। जिसकी उम्र दो से तीन वर्ष की थी और 4 जून 2016 को वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने बाघ के शरीर पर रेडियो कॉलर लगाया था। विभागीय वन अधिकारी वन्यजीव गिरीश वशिष्ठ के मुताबिक बाघ का शव जिस हालत में बरामद हुआ है उससे यह स्पस्ट होता है कि अन्य बाघ से हुई संघर्ष की लड़ाई में यह मौत हुई है। आम तौर पर बाघ अपने निवास में किसी अन्य बाघ की उपस्थिति नहीं होने देता। मृत बाघ दो तीन दिनों से एक ही क्षेत्र में अपना ठिकाना बनाये हुआ था। ऐसे में उसी क्षेत्र में रह रहे अन्य बाघ का मृत बाघ से संघर्ष हुआ और उसकी मौत हो गई। बाघ की मौत की खबर पाकर वनविभाग ने उसके शव को बरामद किया और चिकित्सको की टीम ने वन विभाग के अधिकारियो की उपस्थिति में उसका पोस्टमार्टम किया। पहली नजर में बाघ की मौत का कारण स्पस्ट है। फिर भी वनविभाग मौत की तकनिकी वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहा है।