Published On : Wed, Mar 4th, 2015

अकोला : शुभम के तीन हत्यारे गिरफ्तार

Shubham
अकोला। अकोट ग्रामीण पुलिस थाना क्षेत्र में नेवाले ग्राम अंबोडा से बुधवार 25 फरवरी को 8 वर्षीय शालेय छात्र शुभम महेश शिवरकार का अपहरण किया गया था. उसका शव मोहाला खेत परिसर के कुंए में पाया गया था. आज सातवे दिन पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. केवल फिरौती के लिए शुभम शिवरकार की गला दबाकर हत्या करने की कबूली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए आरोपियों ने दी है. तीनो आरोपी अंबोडा के निवासी हैं.

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार ग्राम अंबोडा के पुलिस पटेल महेश शिवरकार के कक्षा 3 में पढनेवाले 8 वर्षीय शुभम महेश शिवरकार नामक बालक का बुधवार 25 फरवरी को सुबह 11 बजे उसके घर के बाहर से अज्ञात व्यक्ति ने अपहरण कर लिया था. शुभम का शव ग्राम मोहाला के समीप कुंए में पाया गया था. उसकी मौत गला दबाने से हुई थी. शव प्लास्टिक के बोरे में भरकर डाला गया था. आरोपी शुभम के घर के समीप ही रहनेवाले थे. बावजूद इसके पुलिस को छानबिन में पूरे सात दिन लग गए. आज तीन आरोपियों को पुलिस ने पकडा. पूछताछ में तीनो आरोपियों ने स्विकार किया कि पुलिस पटेल के बेटे का अपहरण कर फिरौती मांगने के पीछे केवल पैसों का लालच था. घटना के 4 दिन पूर्व अपहरण की साजिश रची गई. उसी के तहत शुभम के घरके सामने रहनेवाले मुख्य आरोपी शंकर सुरेश कोष्टी ने शुभम के घरके बाहर खेलने की जानकारी अपने सहयोगी रमेश मनोज अंभोरे को दी. जबकि घटना के दौरान तिसरा आरोपी संतोष अन्ना कोमटी मामले पर नजर रखे हुए था. किसी का ध्यान न देख रमेश अंभोरे शुभम का मुह दबाकर समीप के खेत में ले गया. जबकि शंकर कोष्ठी फिरौती की मांग के लिए अकोट में नया सीमकार्ड खरीदने गया था. लेकिन अकोट में उसकी पत्नी मिलने से वह सीमकार्ड खरीदे बिना पत्नी के साथ अंबोडा लौट आया.

इस दौरान शुभम के अपहरण की खबर गांव में फ़ैल  गई थी. और ग्रामस्थ इकठ्ठा हो गए थे. बदले घटनाक्रम के कारण घबराए शंकर कोष्ठी ने सहयोगियों को जानकारी दी. शुभम तीनों का परिचित था. वह नाम बता देगा इस भय से तीनों ने शुभम का गला एवं मुंह दबाया संतोष घरसे बोरा ले आया और उसमें भरकर रमेश अंभोरे ने बोरे को कुएं में फेंक दिया. ऐसी जानकारी आरोपियों ने पुलिस को दी. इस जांच प्रक्रिया में उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रदिप चव्हाण के मार्गदर्शन में थानेदार किशोर शेलके, उपनिरीक्षक प्रेमानंद कात्रे, बाबूराव नवथले, नारायण वाडेकर, सुरेश ढोरे, अनिल शिरसाट ने हिस्सा लिया.

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