Published On : Sat, Apr 28th, 2018

यहां भी है 50 मानव रहित रेलवे गेट, गुजरती है दर्जनों गाड़ियां

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Railway Gate

नागपुर:मानव रहित रेलवे क्रासिंग गेट आए दिन दुर्घटना का कारण बनते रहते हैं। गुरुवार को ही उत्तर प्रदेश में गंभीर हादसा हुआ, जिसमें स्कूल वैन के ट्रेन से टकराने पर 13 बच्चों की मौत हो गई। मध्य रेलवे और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मंडल में देखा जाए, तो करीब 50 मानव रहित रेलवे गेट हैं, जो दुर्घटना को न्यौता दे रहे हैं। इसमें मध्य रेलवे के 5 व दपूम रेलवे के 45 (छोटी लाइन) गेट शामिल हैं। इन रेलवे गेटों से दर्जनों गाड़ियां रोज गुजरती हैं। रेलवे बोर्ड ने वर्ष 2017 के आखिर तक मानव रहित रेलवे क्रासिंग को पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया था, लेकिन अभी तक इन्हें बंद नहीं किया गया है।

जल्दबाजी में नहीं देते हैं ध्यान
रेलवे द्वारा किस गेट को मानव रहित करना है और किस गेट को मानव युक्त करना है, यह निर्णय उस गेट से गुजरने वाले वाहनों की संख्या की गणना कर लिया जाता है। अति व्यस्त रेलवे क्रासिंगों पर गेट मैन नियुक्त किया जाता है, जबकि अन्य क्रासिंगों पर सूचना बोर्ड लगा कर उसे अनमैन कर दिया जाता है। अनमैन लेवल क्रासिंग अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं। वाहन चालक जल्दबाजी में रेल पटरी पार करते हैं और ट्रेन के आने का ध्यान देते नहीं हैं। ऐसे में दुर्घटना हो जाती है। इसी गंभीरता को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने देश के सभी रेलवे क्रासिंग को खत्म करने को कहा था और आवागमन के लिए आरओबी या आरयूबी बनाया जाना था। देशभर में अभी भी ढाई हजार लेवल क्रासिंग अनमैन हैं। जिसमें नागपुर मंडल का भी सामावेश है।

रेलवे मित्र करते हैं सहयोग
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत भले ही ब्रॉडगेज में आनेवाले सभी लेवल क्रासिंग को खत्म किया गया है, लेकिन नागपुर-नागभीड़ लाइन छोटी लाइन पर 45 अनमैन लेवल क्रासिंग हैं। रेल अधिकारियों के अनुसार यहां रेलवे मित्र रखे गए हैं, जो सड़क से गुजरनेवाले वाहनधारकों को रूक कर चलने की नसीहत देते हैं। वहीं मध्य रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत कुल 28 रेलवे क्रासिंग हैं, जिसमें 5 रेलवे क्रासिंग अनमैन हैं। इसमें 4 घोड़ाडोंगरी व एक वरोरा-राजुरा के बीच है।

नागपुर मंडल अंतर्गत हुई हैं कई घटनाएं
नागपुर मंडल अंतर्गत होनेवाली घटनाओं को देखें, तो कई घटनाएं दर्ज हैं। इसमें सबसे भीषण हादसा हावड़ा लाइन पर दपूम रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत वर्ष 2007 में हुई थी। कन्हान रेलवे क्रासिंग पर 65 यात्रियों से भरी ट्राली को ट्रेन ने टक्कर मार दी थी, जिसमें एक भी यात्री बच नहीं पाया था। घटना के तुरंत बाद ही यहां मानवयुक्त क्रासिंग बनाया गया था।