बुलढाणा। सावला और हनवतखेड गांव में गर्मी की शुरुवात में ही पानी की कमी निर्माण हुई है. पानी के लिए महिलांओं को भटकना पड रहा है. बेजुबान जानवरों की भी पानी के अभाव में हालत खराब हो रही है. गांव में पानी के लिए हड़कंप मचा है. जिससे पानी की कमी दुर की जाए. इस मांग के लिए सावला और हनवतखेड की असंख्य महिलाओं ने 6 अप्रैल को जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर जिलाधिकारी कुरूंदकर को विभिन्न मांगो का ज्ञापन सौंपा.
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ों पर बसा सावला गांव की जनसंख्या करीब पाच से छह हजार है तथा हनवतखेड गांव की जनसंख्या करीब डेढ़ हजार के करीब है. यह दोनों गांव सावला, सुंदरखेड जिला परिषद सर्कल में आते है. विगत कई वर्षों से गर्मी के मौसम में गांव को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. परंतु इतने वर्षों से दोनों गांवों में पानी की कमी दुर करने के लिए प्रशासन की ओर से कोई भी उपाय योजना नही की गई. दोनों गांव पहाडी के किनारे पर होने से इस गांव में कहीं भी पानी का स्त्रोत नही है. हर वर्ष की समस्या देखते हुए गांव की महिलांए और ग्रामस्थो ने पंचायत समिति, तहसीलदार, जिलाधिकारी की ओर दौड़ लगाई. लेकिन आश्वासन के सिवाय उनकों कुछ नही मिलता. इस वर्ष गर्मी की शुरुवात में ही गांव में पानी की कमी निर्माण हुई है.
पानी के लिए महिलांओं को कोसों दूर भटकना पड रहा है तथा अनेक महिलांओं को खेत के काम छोड़कर पानी के लिए भटकना पड रहा है. कई वर्षों से गांव में पानी की कमी होती है, फिर भी कोई योजना गांव को नही दी गई. विशेषतः काफी बार आंदोलन भी किए गए. लेकिन उसका भी कुछ फायदा नही हुआ. इसके अतिरिक्त इन दोनों गांवों को जलयुक्त शिवार से वंचित रखा गया है. कल युवा सेना के अनिल जगताप के नेतृत्व में गावं की असंख्य महिलांओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर जिलाधिकारी किरण कुरूंदकर को ज्ञापन सौंपा गया.
इस दौरान जिलाधिकारियों ने महिलाओं की मांगों को सकरात्मक प्रतिक्रिया देकर सावला और हनवतखेड इन दोनों गांव के ग्रामस्थों को पानी की कमी नही होने देंगे तथा पानी की कमी की जानकारी लेकर लेकर उपाययोजना की जाएगी, ऐसा आश्वासन दिया. इस दौरान गुंफाबाई मगर, कविता धोती, राधाबाई खसावत, गोपाबाई खसावत, मंडाबाई खसावत, रेखाबाई काले, लिलाबाई काले, लिलाबाई जाधव, उत्तम जाधव, मानव धोती, प्रल्हाद धोती, प्रताप खसावत समेत असंख्य महिलाएं और ग्रामस्थ उपस्थित थे.