Published On : Fri, Jul 6th, 2018

सीएम की सिटी में जलजमाव की स्थिति पर विपक्ष का सरकार पर हमला

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नागपुर : भारी बारिश ने राज्य की उपराजधानी में शुरू मानसून सत्र को ठप्प कर दिया। अत्याधिक वर्षा की आपातकालीन स्थिति को संभाल पाने में नागपुर फिर एक बार असफल साबित हुआ। सरकार के साथ इन दिनों नागपुर में समूचा विपक्ष उपस्थित है। नागपुर के हाल पर विपक्ष ने भी तंज कसकर सरकार पर जमकर हमला किया है। शहर के रखरखाव की ज़िम्मेदारी नागपुर महानगर पालिका की है जहाँ लगातार बीते 15 वर्षों में बीजेपी सत्ता में है। मुख्यमंत्री ख़ुद इसी शहर से आते है ऐसे में उनके शहर में पहली बारिश से हुए हाल स्थानीय प्रसाशन की तैयारियों की पोल खोल के रख दी है। बैठे बिठाये विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का एक मौका मिल गया है।

विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला। मुंडे ने कहाँ सरकार मानसून सत्र नागपुर में लेने पर अड़ी रही लेकिन इसको लेकर किसी तरह का नियोजन नहीं किया गया। ये सरकार की लापरवाही को उजागर करता है। इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जब विधान भवन का कामकाज़ बिजली जाने की वजह से ठप्प हुआ हो।

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राष्ट्रवादी के वरिष्ठ नेता भास्कर जाधव के मुताबिक ये दिन विधान भवन के लिए काला दिन है। मै बीते 25 वर्षों से विधान भवन में कार्यरत हूँ ऐसा अनुभव कभी नहीं आया। अधिक वर्षा होने की वजह से बिजली बंद कर दी जाती है। ये मानसून सत्र है ऐसी स्थिति आनी ही थी आवश्यकता तैयारियों को लेकर होनी चाहिए थी।

पानी के कारण विधान भवन की कार्यवाही प्रभावित होने पर सिर्फ विपक्ष ने ही नहीं सत्ता पक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला। सरकार में शामिल शिवसेना ने सवाल उठाया की विधान भवन परिसर में पानी जमा ही कैसे हुआ। बिजली जाने के कारण काम काज बंद करना पड़ा ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। शहर में सडको और मेट्रो का काम शुरू है इसलिए अन्य जगहों पर जल जमाव होना समझा जा सकता है लेकिन विधान भवन में पानी जमना समझ के परे है। इसके लिए नागपुर महानगर पालिका की जाँच होनी चाहिए। मुंबई में जल जमाव की स्थिति होने पर जाँच की माँग की जाती है ठीक उसी तरह नागपुर में भी जाँच होनी चाहिए।

विधान भवन में हुए आज के जल जमाव और बिजली जाने के घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रही है। विपक्षी नेता ट्वीटर पर जहाँ मोबाईल टार्च की रोशनी में काम करने की तस्वीर पोस्ट कर रहे है वही दूसरी तरफ़ सामान्य लोग भी इस घटना को पर चुटकी लेने का मौका नहीं छोड़ रहे है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट घूम रही है आज नागपुर में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार को एमएमसी और एनआयटी की मदत से पूरा कर लिया गया।

अधिकारी और प्रसाशन लापरवाही भरा रवैय्या बरतते है ये हकीकत भी है जिसका अनुभव सामान्य जनता करती भी है लेकिन सरकार के साथ भी अधिकारी खेल करते है शायद ये सामने ही न आता अगर महज 6 घंटो में नागपुर में 263.3 मिलीमीटर बारिश न होती। भारी बारिश ने शहर को को रोक दिया। साथ में सरकार का कामकाज भी रुक गया। अचानक आयी इस समस्या की वजह ख़ोजने की पड़ताल शुरू करने पर विधान भवन परिसर में ही हैरतंगेज करने वाली जानकारिया सामने आयी। ख़ुद विधान सभा अध्यक्ष ने पानी की निकासी व्यवस्था की पड़ताल की तो नालियो से शराब की बोतले निकली। इतना ही नहीं इससे ये भी खुलासा हुआ की नालियों की सफ़ाई तो हुई ही नहीं।

जिस समय विधान भवन में स्थिति बन रही थी तब जिले के पालकमंत्री और राज्य के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले भी मौजूद थे। राज्य को 24 घंटे बिलजी देने का दावा करने वाली ऊर्जा मंत्री की उपस्थिति में घंटो विधान भवन की बत्ती गुल रही।

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