उमरखेड़ (यवतमाल)। मोबाइल का उपयोग निर्बाध रूप से शालाओं तथा महाविद्यालयों में उपयोग किए जाने से विद्यार्थियों की शिक्षा पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता दिख रहा है. जब वर्ग में अध्यापकों / प्राध्यापकों द्वारा पढ़ाया जा रहा होता है, इतने में किसी न किसी छात्र का मोबाइल बज उठता है. ऐसे में प्राध्यापकों अथवा शिक्षकों का ही नहीं अपितु वर्ग के अन्य छात्रों का भी ध्यान भंग होता है. कई धनाढ्यों द्वारा अपने बच्चों की खुशी के लिए हजारों रुपयों के उच्च तकनीक से लैस मोबाइल फोन तो दे देते हैं, पर उन मोबाइलों के कारण अन्य गरीब छात्रों की शिक्षा पर पड़ता बुरा असर को भाँप नहीं पाते. आगामी परीक्षाओं के मद्देनजर शालाओं अथवा महाविद्यालयों के परिसर में मोबाइल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए ताकि दूसरों को असुविधा से बचाया जा सके. जिस प्रकार से किसी भी वाहन को चलाते वक्त मोबाइल फोन पर पाबंदी लगायी गयी है, उसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भी मोबाइल के उपयोग पर पाबंदी लगाने की प्रबुद्धजनों ने माँग की है.
