Published On : Mon, Apr 10th, 2017

रायपुर, चंडीगढ़ व बिलासपुर के महापौरों ने अपने-अपने शहर से उपस्थितों को कराया रु-ब-रु

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नागपुर:
नागपुर में हालही में आयोजित ‘स्मार्ट सिटी समिट’ मे मात्र ३ चुनिंदा महापौरों ने भाग लिया। इसमें बिलासपुर के महापौर किशोर राय,चंडीगढ़ की महापौर आशा कुमारी जैस्वाल व रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे का समावेश था। समिट के दूसरे दिन महापौरों के चर्चा सत्र की अध्यक्षता नागपुर की महापौर नंदा जिचकर ने की। सभी अतिथि महापौरों ने अपने-अपने शहर की विशेषता,व्यवस्था,विकास व खामियों के साथ उसमें किए जा रहे सुधारों कार्यों की उपाययोजनाओं से सबको रु-ब-रु कराया। चर्चासत्र में करीब उपस्थितों में अधिकांश तौर पर ‘स्मार्ट सिटी’ संकल्पना से जुड़े देश-विदेश की बड़ी-बड़ी कंपनियों के विशेषज्ञ, प्रतिनिधियों के साथ महानगर पालिका से जुड़े ठेकेदार कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मनपा अधिकारी, पूर्व मनपा स्थाई समिति अध्यक्ष अविनाश ठाकरे विशेष तौर पर उपस्थित थे.

जानकारी मिली है कि यह समिट देश के महापौरों के लिए आयोजित की गई थी। इन महापौरों को उनके शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सहायक नामचीन देश-विदेश की कंपनियों द्वारा “डेमो’ दिखाकर उसे अमल में लाने के लिए विभिन्न उपाय योजनाएं करने का उद्देश्य भी था। लेकिन मात्र ३ शहरों के महापौरों ने इस समिट की महत्ता समझ अपनी उपस्थिति दर्शा कर समिट का मान रख लिया।

चर्चासत्र की शुरुआत :-

बिलासपुर के महापौर किशोर राय
उन्होंने उपस्थितों को जानकारी दी कि स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल से शुरू हो गई थी। तब विकास के मद्देनजर मध्यप्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया गया था। वैश्विक प्रतिस्पर्धा के िलए गांव से लेकर मेट्रो सिटी तक को को डिजिटल करना आवश्यक है। बिलासपुर में स्मार्ट सिटी की सूची में आने के पहले से ही विकास के लिए करोड़ो के प्रस्ताव तैयार किए गए। वर्तमान में बिलासपुर मनपा ग्राउंड वाटर स्वच्छता पर जोर दे रही है। सभी को घर दिलाने के िलए 1800 मकान बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि शहर में ५०% एलईडी लाइटें लगाई जा चुकी है। वातनुकूलित बसें चल रही हैं। शहर में ‘हैप्पीनेस व ग्रीन जोन’ बनाये जा रहे हैं। विभिन्न संकाय के ८ विश्वविद्यालय हैं। शहर की प्राथमिकता भूजल को सुरक्षित करना है।

चंडीगढ़ महापौर आशा कुमारी जैस्वाल
आशाकुमारी ने बताया कि कि चंडीगढ़ को ब्यूटीफुल सिटी के नाम से भी पहचाना जाता है। यह देश का पहला नियोजनबद्ध शहर है। इस शहर में ‘डेमोक्रेटिक बॉडी’ सिर्फ महानगरपालिका ही है। मनपा में २६ नगरसेवक एवं ९ नामजद नगरसेवक है। इन नामजद नगरसेवकों को भी ‘राइट टू वोट’ का अधिकार है। यहां हर साल नया महापौर बनाया जाता है। याने महापौर का कार्यकाल एक वर्ष ही हो पाता है। शहर में १००८ ‘नेबरहुड गार्डन’ है। लगभग १०० ग्रीन बेल्ट हैं। रविवार को मनपा कर्मी, नगरसेवक, पदाधिकारियों के साथ स्थानीय नागरिकों ने अपने-अपने इलाके की साफ-सफाई खुद करते हैं। अक्टूबर तक चंडीगढ़ के हर कोने में एलईडी लाइट लगेंगे। शहर में ‘डार्क प्लेस’ नहीं रहेगा। ८०% साइकिल ट्रक तैयार हो चुके हैं। पर्यावरण बचाने व निरोगी रहने के लिए शहर में एक महीने में एक दिन न्यायाधीश, सप्ताह में १-२ नगरसेवक साइकिल से अपने-अपने कार्यालय आवाजाही करते है। शहर का प्रदुषण नियंत्रण में है। साथ ही साथ पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे शहर के मार्गों पर दौड़ने वाले वाहनों की संख्या में कमी आएगी।

जलापूर्ति सुबह ५ से ९ और शाम को ५ से ८ बजे तक की जाती है। पीने के पानी का दुरुपयोग रोकने के लिए १ अप्रैल से मनपा की विभिन्न टीम गली-गली का दौरा कर रही है, दोषी पाए जाने पर २००० रूपए जुर्माना ठोंकती है। केवल यही नहीं चेतावनी दे कर ३ बार पकड़े जाने पर नल कनेक्शन काटने व जुर्माना वसूले की भी योजना बनाई जा रही है। शहर में रोजाना ५०० टन कचरे पर प्रक्रिया की जाती है। शहर में एक ‘मल्टी लेवल पार्किंग’ का निर्माण किया जा चुका है। सूंदर-मनमोहक तालाब है,जिसमे मनोरंजन के पूर्ण संसाधन है। आवारा श्वानों को नागरिकों द्वारा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। शहर में एक भी विधायक नहीं है, सिर्फ एक सांसद ही चुनकर आता है। इस शहर में एशिया का सबसे बड़ा रोज गार्डन है व बेहद सुंदर रॉक गार्डन है, जो बेकार पड़ी वसुओं से तैयार किया गया है। इस शहर में पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, मंत्री व विधायकों के साथ अधिकारी वर्ग रहते हैं।

रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे
दुबे ने कहा कि रायपुर के आयुक्त अपने काम में इतने तल्लीन हो जाते हैं कि उन्हें याद भी नहीं रहता कि सुबह से शाम हो गई और अभी तक स्नान नहीं किया। रायपुर शहर की पुस्तकालय अंतर्राष्ट्रीय दर्जे की है। इस पुस्तकालय में अध्ययन करनेवाले विद्यार्थी व अध्ययनकर्ता साल में ५०-१०० यूपीएससी में उत्तीर्ण करते हैं। अगले ६ माह में शहर के सभी चौक“स्मार्ट सर्विलेंस’ के तहत सीसीटीवी से लैस हो जाएंगे। आपातकालीन स्थियों में अग्निशमन वाहन व एम्बुलेंस के आवाजाही के दौरान सभी चौक के ‘लाइट’ ग्रीन कर दिए जाएंगे। शहर के गरीब बस्तियों, बाजार,न्यायलय परिसर आदि में स्वच्छ पानी के लिए ‘वॉटर एटीएम’ लगाए गए हैं। जिसके तहत ५ रुपए में एक बोतल पानी उपलब्ध हो जाता है। शहर में ८२ मीटर का देश में सबसे ऊंचा तिरंगा झंडा लहरा रहा है। सुबह ६ से ८ रोज २ किलोमीटर के दायरे में लगभग ५०००० नागरिक ‘मटरगस्ती’ कार्यक्रम में हिस्सा लेते हैं।

खेल के मामले में ७० नगरसेवकों की क्रिकेट की टीम है जो सभी टीम के खिलाड़ी के लिए स्थानीय व आधारकार्ड अनिवार्य किया गया है। विजेता को ५१००० रुपए व उपविजेता को २१००० रुपए के साथ सभी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन पुरुस्कार प्रदान किया जाता है। रायपुर मनपा देश के उन मानपाओं में से एक है जो अपना आय खुद के स्रोत से करती है। वह भी जनता पर बिना कर का बोझ बढ़ाए। ‘ओडीएफ’ की ज्यादातर समस्या शहर में स्थित रेलवे की जमीनों से उत्पन्न होती है। रेलवे प्रशासन न शौचायल बनाती है और न ही बनाने की अनुमति देती है। रेलवे क्षेत्र में ‘ओडीएफ’ का लागु न होना बड़ी समस्या है। रायपुर में ३ दिसंबर २०१५ से नो विहिकल डे की शुरुआत की गई है, इससे २६.१% प्रदूषण कम हुआ है।

– राजीव रंजन कुशवाहा