नागपुर – नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में करीब 125 करोड़ के बांड घोटाले की सुनवाई अब मुंबई उच्च न्यायालय को सौंप दी गई है. इस घोटाले के लिए पूर्व मंत्री सुनील केदार को जिम्मेदार ठहराया गया है। चूंकि राज्य में कुल 15 ऐसे घोटाले हैं, जिनकी सुनवाई एक साथ होने जा रही है.
नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में करीब 125 करोड़ के बांड घोटाले के मुख्य आरोपी सुनील केदार बनाए गए जिसकी सुनवाई सत्र न्यायालय में करीब 20 साल से चल रही है।
शिंदे सेना और भाजपा के राज्य में सत्ता में आने के बाद सेवानिवृत न्यायाधीश जे.एन. पटेल को विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इस प्रकरण के अंतिम परिणाम पर केदार का भविष्य निर्भर हैं।राज्य की नई सरकार ने अब अचानक इस मामले को मुंबई में में सुनवाई के लिए निर्देश दिए.
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी ने आदेश दिया कि दो महीने के भीतर सभी मामलों में आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाएं और दो साल के भीतर निपटारा किया जाए।
जब घोटाला हुआ तब केदार नागपुर जिला सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष व विधायक थे। घोटाला सामने आने के बाद केदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे केदार को राजनीतिक नुकसान हुआ। महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल में वे पशुपालन एवं खेल मंत्री थे। उल्लेखनीय यह है कि राज्य के सहकारिता विभाग ने उक्त मामले की गहन जांच की है। संभावना जताई जा रही है कि इसमें कई आरोपी सार्वजानिक होंगे।