नागपुर: आज विधानसभा में सुबह १० बजे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत सर्व दलीय विधायक बबन राव शिंदे, राजेश टोपे, अजीत पवार, राहुल मोटे, रंजीत सिंह पाटिल, जयंत पाटिल, दिलीप वालसे पाटिल,उल्लास पाटिल,विपक्ष नेता राधाकृष्णन विखे पाटिल ने राज्य में बीते दो सालों से ठीक बारिश न हो पाने से बिगड़ी शक्कर उद्योगों की ओर ध्यान खींचा.
इस पर सहकार मंत्री ने जवाब दिया कि राज्य में गन्ना उत्पादन काफी बढ़ गया है. इसलिए बंद व बीमार कारखानों को शुरू करने पर राज्य सरकार प्रयासरत है. आरकेवीवाय योजना केंद्र सरकार की है और व्यक्तिगत नहीं बल्कि अब यह सामूहिक योजना है. इस योजना का लाभ राज्य के गन्ना किसानों को मिले इसलिए कारखाना,सहकारी संस्था, किसान उत्पादन कम्पनी योजना के तहत मशीन बैंक तैयार कर किसानों को किराए पर उपलब्ध करवाए.
उक्त केंद्र सरकार की योजना की कोई ऊपरी लिमिट नहीं है. पिछली दफा उक्त योजना के तहत व्यक्तिगत लोगों को ४०% अनुदान देकर २८० लोगों को मशीन खरीदने हेतु निधि कर्ज के रूप में दी गई थी. अब ये लाभार्थी बकाया कर्ज माफ करने की मांग कर रहे हैं.
इस वर्ष भी ३०० से अधिक व्यक्तिगत कर्ज के लिए आवेदन किए गए हैं. इनके लिए राज्य सरकार व्यक्तिगत कर्ज हेतु योजना शुरू करने पर विचार कर रही है. सहकार मंत्री ने आगे बताया कि किसानों को एफ आर पी देना अनिवार्य है. गन्ना किसानों और उत्पादकों के उत्थान के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी.
बुधवार को मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि आज गुरुवार को दोपहर ३ बजे विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री सह सभी पक्ष के प्रमुखों की केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी. गड़करी को राज्य में शुगर लॉबी का नेता माना जाता है, वे गन्ना उत्पाद और उससे निर्मित होने वाले उत्पाद के उत्पादकों में उनकी गणना होती है.