नागपुर: गत दिनों नागपुर के बोखारा स्थित तुली इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले 18 बच्चों को, जो आरटीई के तहत किया गया था, उन में से 18 बच्चों को यह कह कर TC थमा दी गई के स्कूल में बच्चों की संख्या कम होने के कारण इस स्कूल को बंद किया जा रहा है।
इन 18 बच्चों के पलकों के सामने अपने बच्चों को लेकर गहरी चिंता सताने लगी है। पालकों का कहना है कि उपरोक्त शिक्षण संस्थान को चाहिए कि वह हमारे बच्चों को किसी अन्य स्कूलों में शिक्षा के लिए दाखिला करवा कर दें या फिर शिक्षण विभाग इस दिशा में कोई उपयुक्त कार्रवाई करें।क्यों कि यह हमारे बच्चों के भविष्य का प्रश्न है। और इसके कारण शिक्षा के अधिकारों का हनन हो रहा है।
उधर इस गभीर मामले पर आरटीई एक्शन कमिटी के चेअरमैन मो. शाहिद शरीफ ने कहा कि शिक्षण विभाग के कारण शिक्षा से वंचित हो रहे इन 18 छात्रों TC थमा कर नियम की अनदेखी करते हुए स्कूल प्रशासन ने स्कूल तो बंद कर दिया है। लेकिन नियम अनुसार स्कूल बंद करने के पूर्व शिक्षा प्रशासन को 18 महीने पूर्व सूचना देनी होती है। लेकिन तुली इंटरनेशनल स्कूल के संचालकों द्वारा इस बाबत कोई सूचना नहीं दी गई।
ऐसी स्थिति में अधिनियम के तहत स्कूल पर 5 से 10 लाख रूपों का दंड देने का प्रावधान है। स्थानीय गट पंचायत अधिकारी,नागपुर पंचायत समिति द्वारा स्कूल पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई और छात्रों को समायोजित क्यों नहीं किया गया। बाल अधिनियम 2005 के तहत शिक्षण अधिकारी तथा गट शिक्षण अधिकारी बालकों के शिक्षा के अधिकारों का हनन करने के लिए सजा के पात्र है यह मामला की शिकायत अतिशीघ्र राष्ट्रीय बाल हक आयोग में कि जाएगी ।