Published On : Fri, Dec 21st, 2018

नागपुर बी.डी.डी.एस. स्क्वॉड का सबसे होशियार सभी का लाडला “सुर्या ” होने जा रहा है रिटायर।

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नागपुर पुलिस सन्मान के साथ देगी विदाई।

नागपुर: नागपुर पुलिस में अपनी दस वर्षों की सेवा के दौरान जांबाजी के चलते कई सम्मान हासिल कर चुका सुर्या जल्द ही रिटायर होने वाला है। सुर्या यह एक ल्याबरा डॉग है, जिसने अपने दस साल के कार्यकाल में बहखुभी से अपने काम को अंजाम दिया है। नागपुर कमिश्नर ऑफ पुलिस डॉ. भुषण कुमार उपाध्याय यह सुर्या की तारीफ करते हुए कहते हैं की , ‘हमारा इस जांबाज अफसर ने कई मामलों को सुलझाने में हमारी मदद की और अब यह दिसंबर माह के आखिर में आधिकारिक तौर पर सेवानिवृत्त होनेवाला है ,सुर्या को नागपुर पुलिस शाही सन्मान के साथ विदाई देगी।

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नारियल और शॉल के साथ होगा सम्मान
जनवरी 2008 में अपने जन्म के दो महीने बाद ही सुर्या फोर्स में शामिल हो गया । बॉम्ब शोधक व नाशक पथक ( बी.डी.डी.एस.) की महिला पुलिस इंस्पेक्टर वैजंती मंडवधरे ने बताया की ‘आधिकारिक सेवानिवृत्त कार्यक्रम 31 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय परिसर में आयोजित किया जा सकता है।’ वह बताती हैं, ‘हम उसकी शानदार सेवा के लिए उसे सल्यूट करेंगे। सुर्या को एक नारियल और शॉल के साथ पुलिस में दस वर्षों की सेवा के लिए सम्मानित किया जाएगा।’ सुर्या यह सबका लाडला और होशियार डॉग है साथ ही शांत स्वभाव का है। सुर्या के अलावा हमारे पास राजा ,शेरा और किंग नामक ल्याबरा प्रजाति के डॉग है।

पुलिस के डॉग हैंडलर हेड कॉन्स्टेबल सुनील काकड़े यह सुर्या को रिटायर के बाद गोद लेकर उसका पालन पोषण करेंगे। ज्यादातर रिटायरमेंट के बाद पुलिस डॉग्स को पेट लवर्स के द्वारा अडॉप्ट कर लिया जाता है। हालांकि, सुर्या अब वह रिटायरमेंट के बाद पूरी तरह से आराम करेगा । सुनील काकड़े कहते हैं, ‘सुर्या अपनी उम्र की वजह से थोड़ा कमजोर दिखता है लेकिन वह आज भी तंदुरुस्त है। फ़ोर्स में सुर्या उस समय से है जब वह महज कुछ महीनों का था। ,इस वजह से वह पुलिस फैमिली का हिस्सा बन चुका है।

इसकी वजह से सुर्या सेवानिवृत्त होने के बाद भी मै उसको गोद लेकर उसका ख्याल रखुंगा। सुर्या के 10 साल के कार्यकाल में डॉग हैंडलर मेरे अलावा नायक पुलिस कॉन्स्टेबल ज्ञानेश्वर ठाकरे ने भी सुर्या के साथ काम किया है। सुर्या यह मेरे और नायक पुलिस कॉन्स्टेबल ज्ञानेश्वर ठाकरे के अलावा किसी के हात का खाना भी नहीं खाता। सुर्या यह शाहकारी खाना खाता है। वह सिर्फ अंग्रेजी भाषा के अलावा कोई भाषा नहीं समझता। सुर्या जब फ़ोर्स में नियुक्त हुवा था तब वह दो महीने का था तब उसकी अचानक तबियत खराब हुई थी।

उसे गैस्ट्रो हुवा था पंधरा दिन उसका इलाज चला , तीन दिन वह एडमिट था। डॉक्टर धकाते ने सुर्या का इलाज किया और कह दिया की सुर्या ज्यादा दिन का मेहमान नहीं है। यह बात सुनकर हम सब नर्वस थे लेकिन ईलाज के बाद काफी फुरताई से उसकी तबियत सुधर गई। उसके बाद वह कभी बीमार नहीं पड़ा। उसके बाद हम सुर्या को पुना शहर में बॉम्ब डॉग सेंटर में छे महीने के ट्रेनिंग पर लेकर गए। वहा उसकी ट्रेनिंग हुई ,ट्रेनिंग के बाद वह बॉम्ब निरोधक दस्ते में वह एक्सप्लोसिव ढुंढने में मास्टर बन गया।

सुर्या के दस साल के कार्यकाल की विशेषता :
सुर्या यह एक ब्लैक कलर का ल्याबरा प्रजाति का डॉग है फिलहाल वह 38 किलो वजन का है , 10 से 12 हजार रुपये महीने का खाना खाता है। 2008 में पुलिस फ़ोर्स में शामील हो गया। 31 दिसंबर 2018 को रिटायरमेंट होगा। 6 महीने पुना शहर में डॉग बॉम्ब स्कवॉड की ट्रेनिंग की है।

नागपुर में लगभग सभी तरह के बंदोबस्त किये , व्हीव्हीआयपी बंदोबस्त में बहखुभी से काम किया है। नक्सल परिसर भंडारा ,गोंदिया , गडचिरोली में जाकर भी विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव के दौरान बहखुभी से काम को अंजाम दिया। नागपुर में शीतकालीन अधिवेशन में भी बंदोबस्त किया है।

महत्वपुर्ण है की 2013 में कलमेश्वर परिसर में ग्रेनेड बिछाकर रखे है ऐसी खबर आई थी जिससे ग्रेनेड फटने से वहा के काफी जानवर मारे गए थे, सुर्या ने अपने कला का परिचय देते हुवे समुचा एक किलोमीटर का परिसर ढुंढकर करीबन 8 ज़िंदा ग्रेनेड ढुंढकर निकाले। उसके बाद 8 ज़िंदा ग्रेनेड को डीफ्युज किया गया।

ईसी तरह 2012 में बाजारगाव के पास जिलेटिन छपड़ा था ,उसकी भी पुष्टि सुर्या ने ही की थी। रेल्वे स्टेशन में कई बार लावारीस बैग मिलती रहती है , कभी कबार बॉम्ब होने की अफवा उड़ती रहती है ,उस लावारिस बैग में बॉम्ब है या नहीं उसकी पुष्टि करने के लिए एक्सपट सुर्या को लेकर जाना पड़ता है। सुर्या ने बॉम्ब का ईशारा नहीं दिया तो बॉम्ब शोधक दस्ता राहत की सास लेता है।

एक किस्सा ऐसा है की 2014 में नागपुर रेल्वे स्टेशन परिसर में एक लावारीस बैग मिली थी। और बॉम्ब की खबर सभी तरफ गुंज रही थी। आरपीएफ और जीआरपीएफ के डॉग श्वान ने लावारीस बैग में बॉम्ब होने का रेड सिग्नल दे दिया था। वातावरण दहशत का था ,प्रवासीयो को प्लैफॉम से बाहर निकालना जरुरी था। कवायत शुरू हो गई थी लेकिन तब तक नागपुर का बी.डी.डी.एस.स्क़्वाड सुर्या को लेकर घटना स्थल पहुँच गया। सुर्या ने ईशारा किया की लावारिस बैग में बॉम्ब नहीं है तभी सभी ने राहत की सांस ली। उसके बाद आरपीएफ और जीआरपीएफ के डॉग श्वान के डॉग हैंडलर पर करवाई भी हुई।

रविकांत कांबले
नागपुर टुडे

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