Published On : Thu, Mar 30th, 2023
nagpurhindinews | By Nagpur Today Nagpur News

हेट स्पीच पर लगाम के लिए सुप्रीम कोर्ट की नसीहत- धर्म को राजनीति से अलग रखना जरूरी

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हेट स्पीट के मुद्दे पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (SC) में अहम सुनवाई हुई. इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जब राजनीति और धर्म अलग-अलग हो जाएंगे और नेता राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे, तब इस तरह की भाषणबाजी अपने आप खत्म हो जाएगी. SC में सुनवाई के दौरान जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी के भाषणों का हवाला देते हुए कहा कि दूर-दराज से लोग उन्हें सुनने के लिए आते थे. और आज असामाजिक तत्व नफरत फैलाने वाले भाषण दे रहे हैं. लोगों को खुद को संयमित रखना चाहिए.

लोगों को लेना होगा संकल्प: कोर्ट
सर्वोच्च अदालत ने हैरानी जताते हुए पूछा कि आखिर कितने लोगों के खिलाफ अदालत में अवमानना की कार्यवाही की जा सकती है. इससे बेहतर तो यह होगा कि लोग यह संकल्प ले लें कि वह किसी भी नागरिक या समुदाय का अपमान नहीं करेंगे.

हर एक्शन का होता है रिएक्शन
कोर्ट ने हेट स्पीच वाले भाषणों का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘हर एक्शन का बराबर रिएक्शन होता है.’ कोर्ट ने जोर देते हुए कहा कि हम अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं, क्योंकि राज्य समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य नाकाम और शक्तिहीन हो गए हैं. अगर राज्य चुप है तो उसका जिम्मा हमारे पर क्यों नहीं होना चाहिए?

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केस दर्ज करने में राज्य विफल
सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि कई राज्यों में प्राधिकरण हेट स्पीच देने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने में विफल रहे हैं. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि हर दिन सार्वजनिक मंचों पर असामाजिक तत्व इस तरह के भाषण दे रहे हैं, जिससे दूसरों की बदनामी हो रही है.

SG ने याचिका की मंशा पर उठाए सवाल
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक याचिकाकर्ता की मंशा पर सवाल उठाए. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि केरल में समुदाय विशेष के खिलाफ अपमानजनक भाषण दिया गया था. लेकिन याचिकाकर्ता शाहीन अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में इस घटना का जिक्र ही नहीं किया. इससे पता चलता है कि वह देश में हेट स्पीच की घटनाओं को चुनिंदा रूप से इंगित कर रहे हैं.

SC ने राज्यों से विवरण देने के लिए कहा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से हेट स्पीच के खिलाफ उठाए गए कदमों का विवरण देने के लिए कहा. कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा क्यों है कि संविधान को अपनाने के दशकों बाद भी इस प्रकार की भाषणबाजी हो रही है. सभी लोगों पर ऐसी बातें कहने से रोक लगाई जानी चाहिए. यह तब रुकेगा जब जनहित याचिकाकर्ताओं को जिम्मेदार बनाया जाएगा कि एक राज्य और एक धर्म से मुद्दों को उठाने के बजाय आप सभी मुद्दों को सामने लाएं.

मामलों को अलग-अलग नजरों से न देखें: SG
आज मामले पर सुनवाई के दौरान वकील विष्णु शंकर जैन की तरफ से एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर हेट क्राइम और हेट स्पीच से जुड़े कई मामलों पर संज्ञान लेने की गुजारिश की गई. SG तुषार मेहता ने वीडियो क्लिप्स और मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर इस याचिका की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर इसे वाकई में काबू करना है तो किसी खास वर्ग या राज्य की बात ना करके सभी ऐसे मामलों को एक साथ देखा जाना चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल इस मामले पर कहा कि वह 28 अप्रैल को इस मामले पर विचार करेंगे.

…तो ऐसे मामलों पर लग सकती है रोक
जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि इन घटनाओं को रोकने का एक अच्छा तरीका है किस राज्य सरकार इसको लेकर बेहतर ढंग से काम करें. उन्होंने राज्य की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर राज्य सरकारें काम अपना ढंग से करती तो इन पर रोक लग सकती है.