
इससे पहले रविवार को अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल समेत चार मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया. थोड़ी ही देर बाद मुलायम ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल को पार्टी से निकाल दिया. अब अखिलेश और मुलायम के दो गुट बन चुके हैं और दोनों एक-दूसरे पर बीजेपी से साठगांठ का आरोप लगा रहे हैं. रामगोपाल ने शिवपाल को व्याभिचारी कहा और शिवपाल ने भी रामगोपाल को बीजेपी का एजेंट बताया.
देर शाम सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के घर वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई. बैठक के बाद मुलायम सिंह ने बाहर निकलकर पत्रकारों से कहा, आज कुछ नहीं बोलूंगा, जो पूछना सोमवार को पूछ लेना.

इसके साथ ही रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव के नाम चिट्ठी भी लिखी. इसमें उन्होंने लिखा कि मुलायम न सिर्फ़ बड़े भाई, गुरु भी हैं. मुलायम अभी राक्षसी शक्तियों से घिरे हैं. मुक्त होने पर सच का अहसास होगा. इस धर्म युद्ध में मैं अखिलेश के साथ हूं. अखिलेश को फिर सीएम बनाने तक साथ हूं.पार्टी से निकाले जाने का दुख नहीं है. घटिया आरोप लगाए जाने से पीड़ा है. बीजेपी नेताओं से मिलना अपराध नहीं है.
इसके साथ ही रामगोपाल यादव ने कार्यकर्ताओं को भी चिट्ठी लिखी.
प्रिय साथियों,
हम चाहते हैं कि माननीय मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बने. वे चाहते हैं कि हर हालत में अखिलेश यादव हारें. हमारी सोच पॉज़िटिव है उनकी निगेटिव. माननीय मुख्यमंत्री के साथ वे लोग हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए ख़ून बहाया, अपमान सहा. उधर वे लोग हैं जिन्होंने हज़ारों करोड़ रुपया बहाया, व्याभिचार किया और सत्ता का दुरुपयोग किया. जनता को भ्रमित करने के लिए कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं, बयानबाज़ी करते हैं.
बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है, इस फांस को और SHARP करना है. अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे. न डरें, न विचलित हों. जहां अखिलेश वहां विजय.
सादर
भवदीय
रामगोपाल यादव










