नागपुर: राज्य की उपराजधानी भले ही मेडिकल हब की पहचान रखने लगी हो पर यहाँ के सरकारी अस्पतालों में मरीज राम भरोसें ही है। आये दिन शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा का खुलासा होते रहता है। सोमवार को विधायक गिरीश व्यास ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का दौरा किया जहाँ अस्पताल में उन्हें बदहाली का चौकाने वाला नजारा दिखा। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल गंभीर बीमारियों के ईलाज के लिए है लेकिन अपने दौरे में विधायक ने पाया की कई डॉक्टर ओपीडी के समय ही अस्पताल में मौजूद नहीं थे। इतना ही नहीं उन्हें बीमार जनता से अस्पताल द्वारा की जा रही लूट के खुलासे का भी अनुभव हुआ। दौरे के दौरान न्यूरो सर्जन डॉ प्रमोद गिरी , डॉ दास ड्यूटी से नदारद थे जब अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ की गयी तो पता चला दोनों सोमवार को अस्पताल आये ही नहीं, डॉक्टर क्या छुट्टी पर है इसकी जाँच करने पर पता चला की दोनों ने अधिकृत तौर पर छुट्टी भी नहीं ली है। मरीजों और उनके परिजनों से पूछताछ करने पर उन्होंने विधायक को बताय की यहाँ पर्ची पर लिखी दवाई कभी नहीं मिलती आधे से ज्यादा दवाई उन्हें बाहर से लानी पड़ती है। इतना ही नहीं बाहर से आने वाले मरीजों को एडवांस में पैसे जमा कराने पड़ते है और ईलाज हसील करने के लिए अस्पताल कर्मचारियों की जरूरतों को भी पूरा करना पड़ता है। स्टेशनरी का सामान तक कर्मचारी मरीजों के परिजनों से बुलवाते है। साफ़-सफाई,सफाई कर्मी,अटेन्डेट नदारद थे। विधायक जब अस्पताल की निचली मंजिल में मुआयना कर रहे थे उसी समय ईमारत की तीसरी मंजिल में महीनो से बंद टॉयलेट को खोलकर उसकी साफ़ सफाई शुरू थी।
अस्पताल की इस हालात की शिकायत गिरीश व्यास ने स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से करने की बात कही है। उनके मुताबिक सरकार जनता को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यकता के अनुरूप व्यवस्था कर रही है लेकिन अस्पताल का प्रशाषन ईमानदारी से काम नहीं कर रहा है। व्यास ने आरोप लगाया की चूँकि अस्पताल में कार्यरत अधिकतर डॉक्टर के निजी क्लिनिक है इसलिए वह वहाँ व्यस्त रहते है। सरकारी अस्पताल में बेहतर ईलाज उपलब्ध न होने से उनकी दुकाने चलती है इसलिए जान बूझकर वह यहाँ ध्यान नहीं देते। यह सब काम रैकेट की तरह चल रहा है जिसमे इंसानियत की कीमत से ज्यादा मुनाफ़ाख़ोरी की लालच हावी है। व्यास ने मुख्यमंत्री से मिलकर इस रैकेट की जाँच करने की माँग करने की बात भी कही है।
गिरीश व्यास ने दावा किया की उनके आने की पूर्व सूचना मिलने पर डीन खुद अस्पताल पहुँच गए थे अस्पताल की हालत को सुधारने का थोड़ा बहुत प्रयास भी किया गया। अस्पताल परिसर के बहार हमेशा अतिक्रमण रहता है जिसे आज हटाया गया था। पर अब वह समय समय पर गुप्त दौरा करते रहेंगे।
ऐसा नहीं है की विधायक के दौरे के बाद ही अस्पताल की अव्यवस्था का पहली बार खुलासा हुआ है। नागपुर से लेकर देश के किसी भी सरकारी अस्पताल का ऐसा ही हाल रहता है। गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में बच्चो की हुई मौत के बाद इन दिनों सरकारी अस्पताल के हालत सार्वजनिक बहस का हिस्सा बन गये है। इस दौरे में व्यास के साथ पार्टी प्रवक्ता चंदन गोस्वामी और अन्य नेता उपस्थित थे।










