मिनकॉन’ 2022 सम्मेलन का हुआ भव्य उद्घाटन
नागपुर: खनिजों और खानों से समृद्ध महाराष्ट्र में विदर्भ जैसी कोई जगह नहीं है। इसलिए राज्य की नई खनिज नीति तय करते समय विदर्भ में खनिज आधारित उद्योगों के निर्माण को प्राथमिकता दी जाएगी, राज्य के बंदरगाह एवं खान मंत्री दादाजी भूसे ने कहा।
भूसे सिविल लाइंस के चिटनवीस पार्क में आयोजित ‘मिनकॉन 2022’ सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया। केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, महाराष्ट्र राज्य खनन निगम के अध्यक्ष विधायक आशीष जायसवाल, उद्योग और खान विभाग के प्रमुख सचिव हर्षदीप कांबले, विदर्भ आर्थिक विकास परिषद (वीईडी) के अध्यक्ष देवेंद्र पारेख, राहुल उपगलनावर, शिवकुमार राव इस अवसर पर उपस्थित थे। विदर्भ में खनिज भंडार बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन उस पर आधारित उद्योग कहीं और स्थित हैं। विदर्भ जैसे पिछड़े क्षेत्रों में खनिज आधारित उद्योग स्थापित होने चाहिए।
भूसे ने बताया कि राज्य सरकार स्थानीय लोगों को रोजगार देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि विदर्भ में खनिज और उसके प्रसंस्करण उद्योगों में धातु से संबंधित सभी कार्यालय, परीक्षण केंद्र और अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जाए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार इस संबंध में एक नई खनिज नीति बनाएगी।
इस अवसर पर वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भूमिगत खनिज भंडार हजारों वर्षों की प्राकृतिक प्रक्रिया के बाद बनते हैं। इसलिए इसका सही मात्रा में इनका इस्तेमाल करना चाहिए। जिस क्षेत्र में यह पदार्थ पाए जाते हैं, उस क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए। इसलिए विदर्भ में औद्योगिक कारोबार स्थापित करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव की जरूरत है। विदर्भ खनन प्रदूषण और पर्यावरण क्षरण से ग्रस्त है, इसलिए यहां औद्योगिक विकास को गति दी जानी चाहिए। इस संदर्भ में सभी कार्यालयों, प्रसंस्करण उद्योगों को विदर्भ में स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।
तीन दिवसीय ‘मिनकॉन 2022’ सम्मेलन प्रस्तावों, सुझावों और नवीन विचारों के साथ आना चाहिए जो देश की खानों, खनिजों और संबंधित प्रबंधन को एक नई दिशा देंगे। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि हम इस पर गंभीरता से विचार करेंगे। जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र की खनिज और पर्यावरण संबंधी समस्याओं के समाधान के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही विदर्भ में औद्योगिक कारोबार को बढ़ाने के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि जब इस जगह की खदानों की नीलामी की जाए तो उद्योग जगत की शर्त रखी जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हम दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं और खनन विभाग को योगदान देना जरूरी है।
यदि भारत को आत्मनिर्भर बनना है तो खनन क्षेत्रों के लिए आवश्यक परमिट प्राप्त करने में होने वाली देरी को समाप्त करना होगा। इस देरी के कारण हमें बड़ी मात्रा में खनिज का आयात करना पड़ता है, भले ही बड़ी मात्रा में खनिज पदार्थ भूमिगत उपलब्ध हो। सरकारी तंत्र की खामियों को दूर कर जरूरी बदलाव करने की जरूरत है। तदनुसार, तीन दिवसीय सम्मेलन में चर्चा होगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए मिनकॉन जैसी नीतियों को नींव के रूप में रखने की जरूरत है।
इससे पहले, खनन निगम के अध्यक्ष आशीष जायसवाल ने इस सम्मेलन के आयोजन के पीछे की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन में चर्चा के मसौदे से नई नीति बनाने में मदद मिलेगी।
राज्य में खानों, खनिजों और धातुओं की उपलब्धता और उपयोग पर प्रकाश डालने के लिए नागपुर में तीन दिवसीय सम्मेलन ‘मिनकॉन 2022’ का आयोजन किया गया है। यह प्रदर्शनियों, सम्मेलनों, व्यापार बैठकों और विक्रेता विकास कार्यक्रमों की मेजबानी करता है। सम्मेलन का आयोजन विदर्भ आर्थिक विकास परिषद, एमए एक्टिव और महाराष्ट्र राज्य खनन निगम की ओर से राज्य सरकार और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
सम्मेलन अगले तीन दिनों तक चलेगा। आज 15 अक्टूबर को वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल, उद्योग मंत्री उदय सामंत, विधायक आशीष जायसवाल और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे 16 अक्टूबर को समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे।