Published On : Sat, May 13th, 2017

7.19 करोड़ खर्च करने के बाद भी अप्रैल माह में सूख गया सोनेगांव और पांढराबोड़ी तालाब

Advertisement


नागपुर: 
सोनेगांव तालाब और पांढराबोड़ी तालाब के पुनरुत्थान के लिए राज्य सरकार और नागपुर महानगर पालिका की ओर से 7 करोड़ 19 लाख रुपए की निधि खर्च करने के बाद भी दोनों तालाब अप्रैल महीना शुरू होते ही सूख चुके हैं. इस पुनरुत्थान में सोनेगांव तालाब के लिए 3.86 करोड़ रूपए और पांढराबोडी तालाब के लिए 3.33 करोड़ रुपए की निधि लग चुकी है. 2010 से दोनों कार्यों के पुनरुत्थान का कार्य शुरू किया गया था. जिसमें सोनेगांव का कार्य पूरा हो चुका है. जबकि पांढराबोड़ी तालाब का कार्य एक महीने के भीतर पूरा होने की जानकारी मिली है. दरअसल इन दोनों ही तालाबों को पुनर्ज्जीवन के लिए महानगर पालिका की ओर से पर्यावरण संस्था और राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था. जिसमें दोनों ही तालाबों का पुनरुत्थान किया जाना था. दोनों ही तालाबों में प्रमुख था तालाबों की खुदाई कर उसकी गहराई बढ़ाना. लेकिन अप्रैल महीना शुरू होते ही तालाब का सूख जाना हैरत में डालनेवाली बात है.

तालाबों के पुनरुत्थान के अंतर्गत क्या बनाना था
पर्यावरण की गाइडलाइन के अनुसार दोनों ही तालाबों में फ्लोटिंग आइलैंड बनाना था. सोनेगांव तालाब में यह बन चुका है. लेकिन देखरेख के आभाव में नागरिक इस फ्लोटिंग आइलैंड को क्षतिग्रस्त कर चुके हैं. साथ ही दोनों ही तालाबों की गहराई बढ़ाने का भी प्रस्ताव था. जिससे की तालाबों में बरसाती पानी जमा हो सके.

कितनी निधि हुई थी मंजूर
सोनेगांव तालाब के लिए 3. 86 करोड़ रुपए दिए गए थे और पांढराबोड़ी तालाब के लिए 3. 33 करोड़ रुपए. पांढराबोड़ी तालाब के लिए 95 लाख रुपए गहराई करने के लिए दिए गए थे. जबकि दोनों ही तालाबों में खुदाई करने की बात अधिकारी वर्ग की ओर से की जा रही है.

Gold Rate
Tuesday18 March 2025
Gold 24 KT 88,700 /-
Gold 22 KT 82,500 /-
Silver / Kg 100,900 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

दोनों तालाबों में काम क्या हुआ
सोनेगांव तालाब के बाहर गणेश विसर्जन टैंक बनवाए गए थे. फ्लोटिंग आइलैंड बनाया गया था. वाकिंग वे और एक रूम बनाया गया था. साथ ही इस तालाब में लगभग डेढ़ से दो फीट तक की खुदाई की गई है. तो वहीं पांढराबोड़ी तालाब में पत्थर होने की वजह से यहां लगभग 3 फिट तक तालाब की गहराई की गई है. पांढराबोड़ी तालाब में बारिश के पानी के लिए तालाब के बाहर टैंक की व्यवस्था की गई है. जिससे की पानी बर्बाद न हो. यहां पर एक कंपाउंड बनाया गया है. फेंसिंग लगाई गई है. एनिमल प्रूफ कंपाउंड भी बनाया गया है. बस्ती में बारिश का पानी न घुसे इसके लिए चेक डैम भी बनाया गया है.


तालाब सूखने पर तालाबों से सम्बंधित अधिकारियों का क्या है कहना
नागपुर महानगरपालिका के अभियंता (जल निकाय ) मोहम्मद इजराइल ने बताया कि दोनों ही तालाबों के पुनरुत्थान के लिए प्राप्त निधि लगाई गई है. तालाबों को गहरा किया गया है. सभी कार्य अच्छे से किए जा रहे हैं. जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से भी प्रशंसा की गई है. लेकिन दोनों ही तालाब बरसाती पानी पर निर्भर है. सोनेगांव तालाब के आस पास बस्तियों के बस जाने की वजह से बरसाती पानी का बहाव तालाब तक नहीं आ पाता. पहले एयरपोर्ट की ओर से बरसाती पानी का बहाव आता था. लेकिन अब वो भी रुकने की वजह से सोनेगांव तालाब सूखने की कगार पर है. तो वही पांढराबोड़ी तालाब के सन्दर्भ में उन्होंने बताया कि नागपुर विश्वविद्यालय परिसर का पानी यहां जमा हो सके इसके िलए विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया था. ताकि ऊपर से विश्विविद्यालय परिसर का पानी टैंक के माध्यम से तालाब में पहुंचे सके. इसके लिए कंपाउंड भी बनाया गया था और फिलहाल इस तालाब में पानी है.

Advertisement
Advertisement