नागपुर: महात्मा गाँधी की हत्या के लिए कांग्रेस संघ को ज़िम्मेदार ठहरती रही है। बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने महाराष्ट्र के भवंडी में एक जनसभा के दौरान संघ पर गाँधी की हत्या का आरोप लगाया। यह मामला अदालत तक भी गया। संघ पर कट्टरता और हिंदुत्व का एजेंडा चलाने का आरोप लगातार विरोधी लगाते रहे है लेकिन संघ ने इस आरोपों पर कभी खुल के अपनी बात नहीं रखी। लेकिन अब संघ विरोधियों को उनके सभी आरोप का ज़वाब जनता के बीच जाकर देने की तैयारी में है। जवाब देने के लिए बाकायदा रिसर्च और दस्तावेजों का सहारा भी लिया जायेगा। चुप रहने और आरोपों पर जवाब न देने की फ़ितरत को बदलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आक्रामक तरीके से अपनी बात जनता के बीच ऱखने की रणनीति बनाई है। आगामी कुछ दिनों के भीतर इस बात की बानगी देखने को भी मिल सकती है। संघ की बौद्धिक शाखाएँ और प्रचारक लंबे समय से रिसर्च में जुटे थे इसी दौरान राइज एंड फॉल्स ऑफ़ नेहरू गाँधी डायनेस्टी नाम से रिपोर्ट तैयार की गयी है जिसे देश भर में सामने लाया जायेगा।
संघ के पूर्ण कालीन प्रचारक और 15 वर्षो तक अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख रहे प्रचारक रंगा हरी ने लंबे वक्त तक संघ के ऊपर लगे आरोपों का जवाब देने के लिए अध्ययन का काम किया है हरी के अलावा कई अन्य संघियों ने इसी विषय पर कार्य किया है। संघ की इस रणनीति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत अभियान से भी जोड़ कर देखा जा सकता है। जिन आरोपों का संघ चुप चाप लंबे वक्त से सामना कर रहा था अब उसे लगता है की उन आरोपों का जवाब देने का सही वक्त आ चुका है।
संघ के अभ्यासक दिलीप देवधर के मुताबिक नेहरू से लेकर राहुल गाँधी तक के राजनीतिक कार्यकाल में कांग्रेस ने सत्ता के लिए हमेशा संघ पर मनघडंत आरोप लगाए गए। संघ की विचारधारा को देश विरोधी ठहराते हुए जनता में भ्रम फैलाया गया। संघ की शक्ति को देखते हुए यह एक तरह के से कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति रही संघ को कट्टरता का लबादा उढ़ाया गया लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है सकारात्मक सोच और सहनशीलता की वजह से अपने विस्तार में लगा संघ आज दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन चुका है। इतने वर्षो की चुप्पी तोड़कर अब संघ जनता के बीच जाकर अपनी बात रख रहा है।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी को मिले भारी बहुमत ने संघ की ताकत का भी प्रदर्शन किया। संघ की संगठनात्मक कार्यशैली और उसकी ताकत का आकलन कई स्तरों पर किया जा रहा है। संघ के इतिहास पर कई प्रबुद्ध लोग किताब लिख रहे है जिनमे कई पत्रकार भी शामिल है। इकोनॉमिक टाइम्स के पत्रकार दिनेश नारायण,वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखपाध्याय, टेलीविजन के प्रसिद्ध पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेई, न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अभिजीत उले जैसे पत्रकारों के अलावा संघ की विचारधारा से मेल खाने वाले कई लोग संघ पर किताब लिख रहे है जिससे की संघ के प्रति समाज में स्पस्टवादिता निर्माण की जा सके। अंतरास्ट्रीय लेखक एंडरसेल के साथ मिलकर श्रीधर दामले द्वारा लिखी किताब भी जल्द प्रकाशित होने वाली है।