Published On : Sat, Oct 10th, 2020

वेकोलि की खदानों से करोड़ों रुपये काला हीरा की तस्करी बरकरार

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नागपुर: वेस्टर्न कोल फिल्डस् (वेकोलि) की कोयला खदानो तथा कोल स्टाकयार्ड से बड़े पैमाने में कोयला की तस्करी का अवैध कारोबार जमकर शुरु है।इससे सरकार को करोडों रुपये की चंपत लग रही है। वेकोलि के सुरक्षा अधिकारियों और क्षेत्रीय कोयला तस्करों की सांठ-गांठ से इस बहुमूल्य काला सोना एवं काला हीरा कहा जाने वाला कोयला की तस्करी काफी लम्बे अरसों यह अवैध कारोबार जमकर फलफूल रहा है।

कोयला तस्करी का अवैध कारोबार के सबंध में संबंधित कोयला खदानों के सब ऐरिया मैनेजरों तथा सुरक्षा अधिकारियों का वरदहस्त रहने तथा कोयला मुख्यालय मे बैठे सतर्कता अधिकारी भी चुप्पी साधे मौन रहना पसंद करते है?क्योंकि कोयला तस्करी से कमाया हुआ रुपैया(धन) चुनावी चन्दा के रुप मे क्षेत्रीय राजनैतिकों को भी पंहुचाने जाने की खबर है और इसी के चलते पिछले सत्तर सालों से उक्त क्षेत्रों मे प्रभावशाली राजनैतिक पार्टी का दबदबा कायम है कोयला तस्करी और मिलावट के चलते भ्रष्ट अधिकारी और माफिया मालामाल हो चुके है।और आसपास के वेकोलि परियोजना प्रभावित तमाम किसानवर्ग प्रदूषण, बेरोजगारी तथा भुखमरी की कगार पर आ चुके है

चोरी तस्करी की पुलिस मे रिपोर्ट नही
बताया जाता है कि कोयला तस्करी का कोयला अन्य क्षेत्रों में संचालित ईंट भट्टोंं तक पहुंचाया जा रहा है इतना ही नहीं बंद पडी अनेक खदानों तथा कोल यार्डों परिसर मे पडे वेकोलि का बहूमूल्य कलपुर्जे और स्क्रैप लोहा लंकड तांबा,पीतल एल्युमिनियम और उपयोगी लकड़ियाँ की भी चोरी और तस्करी हो चुकी है। इस सबंध में वेकोलि के संबंधित अधिकारियों ने क्षेत्रीय पुलिस थानों में चोरी और तस्करी की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाते। आखिर वेकोलि के सुरक्षा अधिकारी पुलिस थानों में रिपोर्ट दर्ज भी किसकी करेंगे।क्योंकि सबकी सब चोर-चोर मौसेरे भाई तो है ना?*

बताते हैं कि कोयला अंचल क्षेत्रों में वेकोलि सम्पती की सबसे अधिक चोरी और तस्करी के मामले मे नागपुर जिले की उमरेड क्षेत्र,ओपन कास्ट गोंडेगांव,भानेगांव, सावनेर तथा वेकोलि चंद्रपुर जिले मे बल्लारपुर ऐरिया, महाकाली बाबुपेठ, माजरी ऐरिया,वनी येरिया की खदानो का समावेश है ।उसी तरह वेकोलि छिन्दवाडा जिले की पेंच ऐरिया व कन्हान ऐरिया की सभी कोयला खदानो की कोल यार्ड परिसर से बहूमूल्य कोयला बनाम काला सोना व काला हीरा कहा जाने वाला कोयला की चोरी व तस्करी जमकर शुरु है।

वेकोलि मे कोल माफियाओं का खौप
*कोयला अंचल मे व्याप्त चर्चाओं के मुताबिक पेंच ऐरिया के परासिया शहर निवासी के तीन स्क्रैप-लोहा माफिया तो वेकोलि के प्रबंधन को चुनौतियां देते रहते है कि हमारा धंधा कोई छीन नहीं सकता? अन्यथा जान से हाथ धोना पड़ा सकता है? बताते है कि इस गैंगस्टर स्क्रैप माफिया को पिछले 35 -40 सालों से वहां के सांसद सदस्य और क्षेत्रीय विधायकों का आशीर्वाद प्राप्त होने के कारण वेकोलि के महाप्रबंधक , क्षेत्रीय प्रबंधक सहित सुरक्षा प्रशासन उनपर कार्यवाई के वजाय उनकी आवो-भगत यानी खुशामंदी करते रहते हैं।उसी प्रकार कन्हान ऐरिया के जामई-जुन्नारदेव के कोयला माफिया की वेकोलि मे दहंशत व्याप्त है।बताते हैं कि तस्करी का कोयला लघु उद्योग व वर्कशॉप संचालकों को कोंडियों दामों पर बेच दिया जाता है।बताते हैं कि एक जमाने मे यहां “बिहारी बाबू नेताजी” के नाम से पुकारे जाने वाले व्यक्ति का काफी दबदबा था।वर्तमान परिवेश में यहां ढेर सारे छुटभैये नेता गुन्जेश मवाली कुकुरमुत्तों की तरह पैदा हो चुके है। जो आये दिन चोरी छिपे रात मे चोरी तस्करी करते ऑर बंद पडी खदानों के जंगलों में हजारों-लाखों का जुंआ खेलते पकडा जा सकता है ये छुटभैये गुंडे मवाली वेकोलि प्रबंधन के सुरक्षा अधिकारियों तथा कर्मचारियों को भी धमकाते और ताने-बाने कसते रहते है*

कोयला मे मिलावट का धंधा
उधर वेकोलि के महाप्रबंधक कोयला उत्पादन मे अधिक इजाफा दर्शाने के लिए रातों रात भेसड रेती,मुरुम और काली मिट्टी को जेसीबी और पोक्लेन मशीन के जरिये उलट-पुलट करके वाटर पाईप लाईन से पानी छिड़काव करके कोयला मे मिलावट करते हुये रंगे हाथों पकडाया जा सकता है।बताते हैं कि कोयला मे मिलावट का धंधा बरसांत की रात मे बसे अधिक होता है यानी कोयला मे मिलावट करके सरकार को करोडों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इसीलिये कोयला मे मिलावट के मामले मे वेकोलि हिन्दुस्तान मे बदनाम हो चुकी है।इस सबंध मे अनेक मर्तबा राष्ट्रीय साप्ताहिक विदर्भ चंडिका की खबर पर सतर्कता अधिकारियों ने कोयला खदानों के कोल यार्डों का निरीक्षण करके जांच रिपोर्ट कोयला मंत्रालय को सौंपी जा चुकी है।इस सबंध में देश के तत्कालीन कोयला मंत्री पी ए संगमा ने वेकोलि के तत्कालीन सी एम डी माथुर को खरी-खरी सुनाकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभानेकी हिदायत दी थी

ऊर्जा उत्पादन में गिरावट
*प्राप्त सबूतों के आधार पर मिलावटी व घटिया कोयला की आपूर्ति की वजह से एमपी पावर जनरेशन कं.लिमिटेड तथा महाराष्ट्र पावर जनरेशन कं.लिमिटेड के थर्मल पावर प्लांट घाटे के गर्त मे डूबने की कगार पर आ चुके है।पावर प्लांट के तकनीसियनों की माने तो तापीय बिजली परियोजनाओं को आपूर्ति किया जाने वाले वेकोलि के कोयला मे ज्वलन क्षमता कम रहने की वजह से क्रैस कोल पावडर को फर्नैस आईल का फुआरा का सहारा लिया जाता है। और फ्रैश आईल के फुआरों को घटिया कोल पावडर को आग की लपटों के हवाले कर दिया जाता है।बताते हैं कि विधुत मुख्यालय के दबाव मे बिजली केन्द्र के अधिकारी अभियंता चुप्पी साधे रहना पसंद करते है।*

इस सबंध में आल इंडिया सोशल आर्गेनाइजेशन ने कोल इंडिया कंपनी लिमिटेड कोलकाता तथा सतर्कता आयोग से इस प्रकरण की गोपनीय तरीके से जांच-पड़ताल करके स बहुमूल्य वेकोलि के काला-सोना व कालाहीरा कहा जाने वाले कोयला की चोरी व तस्करी पर प्रतिबंध लगाकर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान बचाया जाना चाहिए।