Published On : Wed, Jun 13th, 2018

अब शिवसेना के निशाने पर एनसीपी

Advertisement

मुंबई: भारतीय जनता पार्टी पर लगातार हमलावर रही शिवसेना ने आज एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को निशाने पर लिया. अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोप में गिरफ्तार लोगों की पैरवी के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर तीखा हमला बोला. शिवसेना ने कहा कि उनकी राजनीति महाराष्ट्र के लिए खतरनाक है और यह समाज में सद्भाव बिगाड़ने वाली है. हाल ही में शरद पवार ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे. उन्होंने पीएम मोदी की मारने की कथित साजिश वाली चिट्ठी को सहानुभूति पाने का स्टंट भी बताया था.

भीमा-कोरेगांव हिंसा की जांच का मामला
शिवसेना ने कहा कि यह पूर्व मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता कि वह भीमा-कोरेगांव हिंसा में पुलिस की जांच में बाधा पैदा करें. उसने पवार से पूछा कि वह घटना की जांच पर उंगली उठाकर किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी को जातिवादी हिंसा के संबंध में पुणे पुलिस द्वारा हाल में पांच लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पवार ने आरोप लगाया कि सरकार ’एल्गार परिषद’ बनाने के लिए कुछ प्रगतिशील लोगों को नक्सली साबित करने की कोशिश कर रही है.

Gold Rate
26 dec 2025
Gold 24 KT ₹ 1,37,900/-
Gold 22 KT ₹ 1,28,200/-
Silver/Kg ₹ 2,28,500/-
Platinum ₹ 60,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

ऐसे लिया पवार को निशाने पर

उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर हिंसा की हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए शिवसेना ने आगाह किया कि महाराष्ट्र के भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें की जा रही हैं. शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि शरद पवार की राजनीति राज्य के लिए खतरनाक है. अखबार में पूछा गया है कि क्या पवार , भारीपा बहुजन महासंघ नेता प्रकाश अंबेडकर और अन्यों ने भीमा-कोरेगांव हिंसा में जांच को भटकाने का जिम्मा ले लिया है.

मराठी भाषा के दैनिक अखबार ने कहा कि किस आधार पर शरद पवार कहते हैं कि भीमा-कोरेगांव में दंगों को भड़काने के लिए पुलिस द्वारा पकड़े गए लोगों ने वास्तव में ऐसा कुछ नहीं किया? अखबार में लिखा गया है कि कई बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार को यह शोभा नहीं देता कि वह पुलिस की राह में रोड़े अटकाए और उसकी जांच पर सवाल करें. उसमें कहा गया है कि पुलिस ने गलत लोगों को पकड़ा है , यह कहकर पवार किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं?

संपादकीय में कहा गया है, जब भीमा – कोरेगांव हिंसा के कारण महाराष्ट्र जल रहा था तो पवार कैमरे के सामने आने और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करने बजाय यह भ्रम फैला रहे थे कि इसके पीछे हिंदुत्व संगठन हैं. पवार से सड़कों पर आने और लोगों से शांत रहने की अपील करने की उम्मीद थी. पवार क्या करते हैं यह उनका नजरिया है. हालांकि उनकी राजनीति समाज में सद्भाव को बिगाड़ती है.

GET YOUR OWN WEBSITE
FOR ₹9,999
Domain & Hosting FREE for 1 Year
No Hidden Charges
Advertisement
Advertisement