नागपुर: अपने दो दिवसीय विदर्भ दौरे के तहत गुरुवार को राष्ट्वादी पार्टी प्रमुख शरद पवार नागपुर में थे। इस दौरान उन्होंने नागपुर श्रमिक पत्रकार भवन द्वारा आयोजित मीट द प्रेस कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में पवार ने पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए केंद्र सरकार द्वारा आतंकवादियो पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन किया। पवार के मुताबिक उरी आतंकवादी हमले के बाद देश गुस्से में था और लगभग सारा देश पाकिस्तान को करार जवाब देने की माँग कर रहा था। आतंकवाद के खिलाफ भारत ने जो कदम उठाया वो एकदम सही था। इस कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए इसका सबूत मांगना पागलपन है। समय-समय पर सेना इस तरह की कार्यवाही करती रहती है। देश हित में सरकार को ऐसी कई संवेदनशील फैसले लेने पड़ते है पर ऐसी कार्यवाहियों पर सबूत सार्वजनिक नहीं किये जा सकते।
हलाकि पवार ने केंद्र की बीजेपी सरकार को भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद खड़े हुए विवाद पर आड़े हाँथो लिया पवार ने कहाँ यहाँ तो हर कोई ज्यादा ही बोल रहा है। देश के रक्षा मंत्री जितना काम बोले उतना अच्छा पर वो भी बोल रहे है। वही मराठा आरक्षण के मुद्दे को पवार ने कृषि से जोड़ते हुए कहाँ कि मराठा आरक्षण की माँग का आधार कृषि से जुड़ा हुआ है। पिछली राज्य सरकारों में किसानों के प्रतिनिधि होते थे जो किसानों और खेती के संबंध में निर्णय लेते थे। बीते दो वर्षो में राज्य सरकार की असंवेदनशीलता की वजह से किसान हाशिये पर चले गए और खेती बर्बाद होती चली गई। आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा किसान अब अपने भविष्य की बेहतरी के लिए आरक्षण की माँग कर रहा है।
राज्य सरकार में सत्ता में भागीदारी निभा रही शिवसेना अपनी ही सरकार पर लगातार हमला बोलते हुए उसे कटघरे में खड़ा करती है। शिवसेना के इस रुख पर अपनी बात रखते हुए शरद पवार ने कहाँ कि हर किसी का स्वाभाव होता है। शायद शिवसेना ज्यादा वक्त तक विपक्ष में रही है इसलिए अब भी वह खुद को विपक्ष ही मानती है या ऐसा भी हो सकता है की पार्टी सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की भूमिका एक साथ निभा रही हो। शरद पवार आगामी चुनावो को देखते हुए पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए राज्य भर में दौर कर कार्यकर्ताओ से संवाद साध रहे है। अपने विदर्भ दौरे के बारे में जानकारी देने हुए उन्होंने पत्रकारों को बताया की वह आगामी चुनावो की तैयारियों के लिए अपने घर में घर के सदस्यो यानि की कार्यकर्ताओ से चर्चा कर रहे है। चुनाव में किस तरह उतारना है इसकी रुपरेखा बनाई जा रही है। पवार ने भविष्य में स्थानीय निकाय चुनावो में काँग्रेस के साथ गठबंधन किये ‘जाने का भी संकेत दिया। पवार के मुताबिक आगामी 10-15 दिनों के बीच में काँग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से इस संबंध में चर्चा हो सकती है।