Published On : Thu, Nov 1st, 2018

शिवसेना ने खोली आरटीओ की पोल, सौंपा उसे ही कच्चा-चिट्ठा

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किया निष्पक्ष व सूक्षम जाँच की मांग

नागपुर: नागपुर आरटीओ में अमूमन सभी विभाग के नियम कानून को ताक पर रख उगाही अभियान में वर्षों से लिप्त हैं.इस क्रम में ४ पहिये से लेकर विभाग के हद में और हद से गुजरने वाली ओवरलोड वाहनों-ट्रको का मासिक उगाही दर तय हैं.इससे सरकार को मासिक करोड़ों में चुना और सड़कों पर आवाजाही करने वालों को पल-पल जान जोखिम में डाल आवाजाही करनी पड़ रही.उक्त संगीन आरोप शिवसेना के युवा नेता नितिन तिवारी ने लगाया।इस सम्बन्ध में आरटीओ बजरंग खरमाटे,वाडेकर और अतुल आदे को पुख्ता सबूत सौंपा गया कि अवैध सवारी वाहनों सहित ओवरलोड परिवहन करने वालों से प्रति वाहन ४००० से लेकर १०००० रूपए वसूली जा रही हैं,जिसे विभाग के खाते में जमा करने के बजाय सम्बंधित अधिकारी नीचे से लेकर ऊपर तक अपनी जेबें गर्म करने में मदमस्त हैं.

तिवारी के अनुसार नागपुर आरटीओ महीने में ८ से १० करोड़ के राजस्व का नुकसान कर सरकार को चुना लगा रहा,लगभग इस राशि का २०% में समझौता कर मासिक उगाही में अधिकारी वर्ग सह फ्लाइंग स्क्वार्ड लिप्त हैं.

फ्लाइंग स्क्वार्ड में तैनात अधिकारी/निरीक्षक जिन्होंने करोड़ों में वसूली कि उन्हें फ्लाइंग स्क्वार्ड में कायम रखा गया.इनमे से अधिकांश अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न जाँच एजेंसी के मार्फ़त जाँच जारी हैं.

खरमाटे जैसे वरिष्ठ अधिकारी अपने वाहन चालक बिट्टू तिवारी के मार्फ़त नियमित तय उगाही कर रहे हैं.इस वाहन चालक को रॉयल्टी चोरी करने वाले वाहन के मालिकों से उगाही का जिम्मा सौंपा गया हैं.समय रहते ठोस कार्रवाई कर ओवरलोड वाहनों का सड़कों पर चलना बंद नहीं हुआ और सम्बंधित दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में होने वाले आंदोलन से होने वाली नुकसान के जिम्मेदार आरटीओ प्रशासन होंगा।

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उल्लेखनीय यह हैं कि आरटीओ की जिम्मेदारी शहर/ग्रामीण पुलिस को करनी पड़ रही और आरटीओ प्रशासन दलाली,ओवरलोड ट्रांसपोर्टरों के लिए सक्रिय हैं.