भंडारा : सोने चांदी के आभूषणों की तरह पानी का जतन करें
पं.स. सदस्या माधुरीताई नखाते का आवाहन
करांडला में जागतिक जल दिवस मनाया गया
भंडारा (नागपुर)। हर कोई अपने जिवन की महत्वपुर्ण चीज जिम्मेदारी और ध्यान से संभालता है. पानी और स्वच्छता मनुष्य के जिवन में महत्वपूर्ण है. इसके बिना मनुष्य रह नही सकता, लेकिन मनुष्य की इसकी ओर अनदेखी हो रही है. आज मनुष्य सोने चांदी का जतन जिम्मेदारी और ध्यान से करते है. लेकिन स्वच्छता की ओर ध्यान नही रखता. लेकिन मनुष्य सोने-चांदी के जेवरात की तरह पानी का जतन करे ऐसा आवाहन पवनी पंचायत समिति सदस्या माधुरी नखाते ने किया. जिला पानी और स्वच्छता मिशन कक्ष, जिला परिषद भंडारा और ग्राम पंचायत करांडला में हुए जागतिक जलदिन और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल और स्वच्छता जागृति सप्ताह समारोपीय कार्यक्रम में वे व्यक्त कर रहे थे.
इस दौरान कार्यक्रम के अध्यक्ष उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (पं) जि.प. भंडारा सुधाकर आडे तथा कार्यक्रम के उद्घाटक जिप सदस्य मनोहर महावडे, सरपंच संगीता भेंडारकर उपस्थित थे. प्रमुख अतिथि तथा मार्गदर्शक पं.स. सदस्या माधुरी नखाते, उपसरपंच देवराव हटवार, पंचायत विभाग के बोरकर, जिला कक्ष के क्षमता बांधनी तज्ञ अजय गजापुरे, सुचना शिक्षण और संवाद सल्लागार राजेश शहारे, जलपूर्ति समिति के अध्यक्ष युवराज शहारे, तंटामुक्त समिति के अध्यक्ष मधुकर भागडकर और अन्य मान्यवर उपस्थित थे.
सर्वप्रथम राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल और स्वच्छता जागृति सप्ताह के दरम्यान पानी और स्वच्छता संदेश पहुंचाने के लिए ग्रामपंचायत स्तर पर घुमाए गए आईसी रथ समेत उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (पं) जि.प. भंडारा सुधाकर आडे, सरपंच संगीता भेंडारकर, पं.स. सदस्या माधुरी नखाते ने जनजागृति रथ पर पानी और स्वच्छता के संदर्भ में लाऊडस्पीकर के माध्यम से और छात्रों के स्लोगन फलक द्वारा संदेश नागरिकों तक पहुंचाया. उसके बाद गांव के प्रमुख चौक में रैली का समापन किया गया. राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज और संत गाडगेबाबा की प्रतिमा को दिप प्रज्वलित और माल्यार्पण कार्यक्रम की शुरुवात की गई.
माधुरी नखाते ने कहां कि, पानी और स्वच्छता का विषय मनुष्य से जुड़े है. 80 प्रतिशत बिमारिया दूषित पानी से होती है. प्रकृति ने तैयार की चीजों को मनुष्य तैयार नही कर सकता. जिससे शुद्ध पानी और व्यवस्थापन करने की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए. ग्रामस्तर पर पानी के स्त्रोत पर ध्यान रखना और स्वच्छता की जिम्मेदारी शासन की नही अपनी है. इसके लिए महिलाओं ने आगे आना चाहिए. पानी की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर होती है. पानी का जतन अगर आज से नही किया तो आनेवाली पीढ़ी हमें माफ़ नही करेंगी. भविष्य में सोने चांदी की तरह पानी की भी चोरी होगा. शासन ने पानी और स्वच्छता कार्यक्रम का प्रचार ग्रामस्तर पर होनेवाले भागवत सप्ताह जैसे कार्यक्रम के माध्यम से करने का आवाहन माधुरी नखाते ने किया.
जिप सदस्य मनोहर महावडे ने पानी का महत्त्व बताकर बूंद-बूंद पानी के व्यवस्थापन के लिए ग्रामपंचायत, जलापूर्ति समिति नही तो गांव के हर नागरिकों ने आगे आना चाहिए. तभी पानी का नियोजन और व्यवस्थापन होगा. कार्यक्रम के अध्यक्ष उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी (पं) जि.प. भंडारा सुधाकर आडे ने गांव के हर पानी के स्त्रोत की स्वच्छता, शुद्धिकरण, परिसर और ग्रामस्वच्छता रखने के लिए सामूहिक पध्दति से कार्य करना चाहिए. प्रत्येक व्यक्ति ने जिम्मेदारी समझकर आगे आना चाहिए. कार्यक्रम का संचालन अजय गजापुरे ने किया तथा आभार प्रदर्शन ग्राम पंचायत सदस्य उपसरपंच देवराव हटवार ने किया.