Published On : Sat, Oct 26th, 2019

दोनों अपनी जगह साबित हुए हीरो : संदीप जोशी के जनसंपर्क ने और विकास ठाकरे की मेहनत ने दिलाई जीत

Advertisement

नागपुर– नागपुर में इस बार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के प्रचार में दिन रात लगे रहे सत्तापक्ष के नेता संदीप जोशी सही मायनो में नायक साबित हुए है. उन्होंने दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में हर प्रभाग में पदयात्रा की ओर नागरिकों से संपर्क बढ़ाया. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य में दूसरी जगहों पर प्रचार में व्यस्त होने के बावजूद जोशी ने उनकी कमी महसूस नहीं होने दी. दक्षिण पश्चिम के हर प्रभाग और प्रत्येक नागरिक से उन्होंने संपर्क बढ़ाया.

सुबह शाम को पदयात्रा और रैली कर नागरिकों को शहर में किए जा रहे विकास कामो की जानकारी दी. राज्य में चल रहे विकासकार्यों को लेकर भी उन्होंने नागरिकों को जानकारी दी. रोजाना हजारो कार्यकर्ताओ के साथ उन्होंने पदयात्रा का नेतृत्व किया. जिसका लाभ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मिला. इस बार वे काफी बड़ी मार्जिन से जीते है. सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओ और समर्थको को साथ लेकर चलनेवाले नेता की छवि बनाने में संदीप जोशी सफल रहे है. वे कई वर्षो से मुख्यमंत्री के प्रचार की जिम्मेदारी संभाल रहे है. मनपा के चुनाव हो, या फिर लोकसभा के, उन्होंने हमेशा नागरिकों से बेहतर संपर्क बनाने की कोशिश की है.

वही बात करे पश्चिम विधानसभा क्षेत्र जो माना जाता है भाजपा का खेमा है और यहां ज्यादातर वोटर भाजपा के है. लेकिन यहां इस बार कांग्रेस के विधायक विकास ठाकरे ने बाजी मारी. विकास ठाकरे जब पिछली बार इस क्षेत्र से चुनाव हारे थे. तभी से उन्होंने हार नहीं मानी और इस क्षेत्र में नागरिकों से संपर्क बनाना जारी रखा. जिसकी बदौलत उन्होंने जीत दर्ज की.

भाजपा के पूर्व विधायक सुधाकर देशमुख की निष्क्रियता का भी लाभ विकास ठाकरे को मिला. सुधाकर देशमुख को पश्चिम में रहनेवाला मध्यप्रदेश का एक बड़ा तबका हमेशा वोट देता था. लेकिन इस बार उन्होंने भी देशमुख को नकार दिया. देशमुख से नागरिकों की नाराजगी के चलते ही ठाकरे को जीत मिली है. पश्चिम के नागरिकों को अब उम्मीद है की विकास ठाकरे उनकी समस्याएं दूर करेंगे और क्षेत्र की खोजखबर लेंगे.

शहर में इस बार एक और उमेदवार है. जिनकी हार से ज्यादा उनकी टक्कर की ज्यादा चर्चा रही है. वे है मध्य नागपुर से कांग्रेस के उमेदवार बंटी शेलके. बंटी को टिकट मिलने के बाद से ही उम्मीद जताई जा रही थी की इस बार मुकाबला काटे का होगा. यहां के भाजपा के उमेदवार विकास कुंभारे भी थोड़े सकते में थे. मतगणना के दिन आखरी पल तक ऐसा माना जा रहा था की शेलके जीतेंगे और ऐन मौके पर विकास कुंभारे की जीत हुई.

माना जा रहा है की अगर क्षेत्र से एआईएमआईएम के उमेदवार खड़े न होते तो शेलके यहां से जीतकर नया इतिहास बनाते. लेकिन शेलके यहां से हारकर भी क्षेत्र के हीरो साबित हुए है. उन्होंने अपनी लंबी पारी और 5 साल बाद होनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए भी बिगुल फूंक दिया है.