Published On : Wed, Jan 17th, 2018

बढ़ता जा रहा है रेत डम्परों का आतंक

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Sand Truck

File Pic


नागपुर: म्हालगीनगर चौक से लेकर आउटर रिंग रोड तक हुड़केश्वर रोड पर इन दिनों रेत डम्परों का आतंक बढ़ते जा रहा है. सुबह से देर रात तक इन डम्परों को बेलगाम गति से दौड़ते हुए यहां पर देखा जा सकता है. इक्का-दुक्का डम्पर नहीं, बल्कि कई डम्पर एक के पीछे एक यहां से आना-जाना करते हैं. इस रोड पर 7-8 छोटे बड़ी स्कूलों के बाद भी होने के चलते छोटे-छोटे बच्चे इसी रोड से आना-जाना करते हैं. इन डम्परों की गति इतनी ज्यादा रहती है कि कभी भी कोई घटना घट सकती है. इन डम्परों का आतंक हुड़केश्वर जैसी मुख्य सड़क तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह शॉटकर्ट मारने के चक्कर में कालोनियों में बनी रोड का भी सहारा लेते हैं, जो कि यहां रहने वाले लोगों के लिए खतरे से खाली नहीं है. कालोनियों में बच्चे खेलते-कूदने के साथ साइकिल भी चलाते हैं. डम्परों के आतंक के चलते बच्चे बाहर खेल नहीं सकते.

शॉटकर्ट के लिए इन डम्परों द्वारा कालोनियों के रोड का उपयोग किए जाने के चलते कालोनियों वालों में काफी रोष है. यहां तक कि कई कालोनी के दुरुस्त किए गए रोड इन भारी वाहनों की वजह से जल्द ही उखड़ जाते हैं. कालोनियों में इनकी रफ्तार अच्छी-खासी रहती है, जबकि म्हालगीनगर वाले रोड पर इतने भारी वाहनों की आवाजाही पर मनाही है. इसके बावजूद डम्पर चालक धड़ल्ले से इस सड़क का उपयोग करते हैं. इतना सब होने पर भी न ही पुलिस और न ही प्रशासन का अन्य जिम्मेदार अमला इन पर रोक नहीं सकता, क्योंकि कहा जाता है कि संबंधित ठेकेदार, पुलिस व अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से ही रेती तस्करी का गोरखधंधा चलता है. फिर इन पर कौन रोक लगाए? यह प्रश्न अनुत्तरित है.

सड़क पर अतिक्रमण कर रहे रेती व्यवसाय : उक्त क्षेत्र में कई ऐसे लोग हैं, जो रेती को डम्प कर उसको पहुंचाने के लिए इस सड़क का उपयोग कर रहे हैं. और तो और इन भारी वाहनों से सीमेंट रोड का सीमेंट भी उखड़ते जा रहा है. अभी हाल ही में बने सीमेंट रोड को देखकर लगता ही नहीं कि यह अभी-अभी नया रोड बना है. वहीं यहां के नगरसेवक और विधायक और पुलिस विभाग कुंभकर्णी नींद में होने के चलते इन डम्परों को इतनी ज्यादा छूट मिली है. रेती से भरे वाहन चलने के चलते सीमेंट रोड कितने दिन टिक पाती है, यह तो कहा ही नहीं जा सकता है. अभी बहुत सी जगह छोटे-छोटे गड्ढे देखे जा सकते हैं. शहर बढ़ने के साथ हुड़केश्वर रोड पर भी काफी अधिक यातायात बढ़ गया है. वहीं स्कूल होने के चलते सबसे अधिक इन भारी वाहनों से तकलीफों का सामना बच्चों और माता-पिता को करना पड़ता है. सीमेंट सड़क को ही डम्परों की पार्किंग बना लिया गया है, जिससे कई बार यातायात को बाधित होता हैं. अब तो इनकी बढ़ती गति के चलते पालक अपने बच्चों को इस रोड पर भेजने से भी डरने लगे हैं.

मनपा-यातायात विभाग खामोश : नागपुर महानगरपालिका और यातायात विभाग की चुप्पी से भारी वाहनों का इस सड़क पर यातायात से मनाही होने के बावजूद धड़ल्ले से दौड़ रहे डम्परों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. रात में इनकी गति बहुत ज्यादा हो जाती है. अभी बनी सड़क की इन भारी वाहनों से क्या हालत हो रही है, इससे यहां के नगरसेवक और विधायक को कोई लेना-देना नहीं है. अंतिम छोर के रोड को छोड़ा अधूरानाले की तरफ खत्म होने वाले सीमेंट रोड के छोर का काम अधूरा छोड़ दिया गया है. सीमेंट रोड तो बना दिया, लेकिन इस आखिरी छोर को प्लेन करना भूल गए. यहां के गड्ढों और पत्थरों के कारण कुछ दिनों पहले एक कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गड्डे में जा घुसी थी. यहां पर पड़े पत्थर वाहनों के चक्कों से उछलते भी हैं, जिनकी मार बहुत भयंकर होती है. सड़क को प्लेन न कर प्रशासन ने लोगों की तकलीफों को बढ़ा दिया है. यहां के लोग प्रशासन के अधूरे काम से नाखुश होकर उसे कोस रहे हैं.

सड़कों को हो रहा नुकसान : नाले के पास से आउटर रिंग तक का जो डामर रोड है, वह 5 बार बन चुका है. लेकिन इन भारी वाहनों के चलते इसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं. रोड बनाने में भी मात्र खानपूर्ति ही की जाती है. इसके चलते ही कुछ दिनों ही सड़कों पर गड्ढे पड़ जाते हैं.