नागपुर: मनपा के शिक्षक संघ ने शिक्षक दिवस के एक दिन पूर्व शिक्षकों की प्रलंबित मांगों को लेकर संविधान चौक पर हड़ताल शुरू किया. संघ के अध्यक्ष राजेश गवरे ने बताया कि मनपा प्रशासन का शिक्षा और शिक्षकों के प्रति नकारात्मक रवैये के कारण शिक्षक की भर्ती सहायक शिक्षक के रूप में की जाती है और सेवानिवृत्त भी इसी पद पर होती आ रही है.
मनपा शिक्षकों का प्रत्येक वर्ष जनवरी में नियमानुसार वरिष्ठता सूची प्रकाशित नहीं करता है. प्राथमिक शाला के २५ और माध्यमिक शाला के १८ मुख्याध्यापक के पद रिक्त हैं. ६ वें वेतन आयोग का बकाया अब तक नहीं दिया गया. ७० महीनों का महंगाई भत्ता बकाया है. इसमें जब ७ वां वेतन लागू होगा, क्या मनपा शिक्षकों को नियमित वेतन दे पाएंगी क्या ?
संघ अध्यक्ष के अनुसार आदर्श शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र के साथ राज्य सरकार नगद पुरस्कार भी देती जरूर लेकिन मनपा हजम करने का आरोप लगाया गया.
उक्त मांगों को लेकर मनपा के शिक्षक आगामी ५ सितंबर को शिक्षक दिवस के मुख्य कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे. ४ से लेकर ६ सितंबर तक संघ की ओर से अनशन किया जाएगा. इसके बाद भी प्रशासन नहीं जगा तो मुंडन कर मनपा प्रशासन का निषेध करेंगे. इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए देवराव मांडवकर,मलविंदर कौर लांबा,मधुकर भोयर,अशोक बालपांडे,कल्पना महल्ले,प्रकाश देउरकर,विनायक कुथे,अरुण ढोबले,परवीन सिद्दीक़ी,कुमारी अख्तर खानम अली,आनंद नागदिवे,दशरथ मानकर,मीणा खोडे,शकील अहमद कुरैशी, माया गेडाम, टेंजुषा नाखले,विनय बर्डे,अशोक चौधरी,रामराव बावने,अनिल बोंडे,गीता विष्णु, राजेन्द्र धाइत,रमा यादव, प्रफ्फुल चरदे डे,दीपक सातपुते,ज्योति खोबरागड़े,प्रकाश गजभिए,सुभाष लोड़े डे, सैय्यद हसन अली,श्रीकांत हम्बार्डे आदि का समावेश है.
गवरे के आंदोलन को जनशक्ति मजदूर सभा ने अपना समर्थन देते हुए उनके नेतृत्वकर्ता हर्षल हिवरखेड़कर ने कहा कि वर्षो से प्रलंबित १२ मांगों पर मनपा प्रशासन नज़रअंदाज कर रही है, जिसके खिलाफ गवरे का आंदोलन शिक्षक व शिक्षा विभाग के हित में जायज है.
