Published On : Wed, Sep 23rd, 2020

RTE : ‘ रेंट एग्रीमेंट वही मान्य होगा जो फॉर्म भरने से पहले किया हो ‘

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बोगस एडमिशन रोकने के लिए लिया निर्णय

नागपुर- बिना रेंट एग्रीमेंट कर किराए पर रहनेवाले और किराए पर रहने का दिखवाकर आरटीई ( Rte ) में अपने बच्चों का एडमिशन करनेवाले अब ऐसा नहीं कर पाएंगे. शालेय शिक्षा तथा क्रीड़ा विभाग अवर सचिव ( Department of Education and Sports, Under Secretary ) ने प्राथमिक संचालक ( Primary Director ) को भेजे पत्र ने ऐसे अभिभावकों को परेशान कर दिया है. अब रेंट एग्रीमेंट वही मान्य किया जाएगा जो की फॉर्म भरने से पहले किया गया हो. शिक्षा का अधिकार ( Right To Education ) के अंतर्गत निजी स्कूलो ( Private Schools ) में 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों के लिए ड्रॉ में नंबर लगने पर प्रवेश ( Admission ) के लिए जिन दस्तावेजों को दिया जाता है, उसमें किरायदारों के लिए रेंट एग्रीमेंट ( Rent Agreement ) सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. किराए पर रहकर भी ज्यादातर लोग बिना रेंट एग्रीमेंट ( Rent Agreement ) पर रहते है.

आरटीई ( Rte ) के अंतर्गत ड्रॉ में नंबर लगने पर कुछ लोग रेंट एग्रीमेंट ( Rent Agreement ) करते है. इसमें ऐसे भी कई लोग होते है, जिनके खुद के मकान है. पानी पसंद के स्कुल में बच्चों को एडमिशन ( Admission ) दिलाने के लिए वे स्कुल के आसपास का पता लिखवा देते थे. ड्रॉ में नंबर लगने के बाद किसी परिचित के साथ रेंट एग्रीमेंट ( Rent Agreement ) करते है. अपना पता बदलकर कई लोगों के एडमिशन करने के लिए इस तरह के काम किए है. इसपर रोक लगाने के लिए आरटीई एक्शन कमेटी ( Rte Action committee ) ने शिकायत की थी. इसी के आधार पर शिक्षणाधिकारी ने शालेय शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन करने का पत्र भेजने पर फॉर्म भरने से पहले किया गया रेंट एग्रीमेंट ( Rent Agreement ) ग्राह्य मानने के लिए दिशा -निर्देश दिए है. शालेय शिक्षा व् क्रीड़ा विभाग अवर सचिव ( Department of Education and Sports, Under Secretary ) संतोष गायकवाड़ ( Santosh Gaikwad ) ने प्राथमिक संचालक ( Primary Director ) को इस आशय का पत्र भेजा है.

इस मामले में आरटीई एक्शन कमेटी ( Rte Action committee ) के चेयरमैन ( Chairman ) मो. शाहिद शरीफ ( Shahid Sharif ) ने जानकारी देते हुए बताया की मुफ़्त शिक्षा के अधिकार ( Right To Education ) अधिनियम में प्रवेश पाने के लिए पालकों द्वारा किराया पत्र के माध्यम से बोगस प्रवेश लेने के अनेक मामले सामने आए हैं. जिसमें अपना स्थायी पता बदल कर सरकार और स्कूल को गुमराह कर पालकों द्वारा यह रास्ता अपनाया जाता था. इसकी शिकायत मिलने पर इस विषय में संचालक को अवगत कराया था और दिशा निर्देश देने के लिए आग्रह किया था.

क्योंकि इस सत्र में अनेक पालकों द्वारा झूठा रेंट एग्रीमेंट ( Rent Agreement ) बनाकर प्रवेश लेने की अनेक शिकायतें प्राप्त हुई थी. इसी के आधार पर सरकार से भाड़े पत्र की नियमावली की दिशा माँगी गई थी. जिस में यह स्पष्ट हुआ है कि आवेदन करते वक़्त भाड़े पत्र में क़रार एक वर्ष का होना चाहिए, जैसे कि फ़रवरी 2020 से 2021 और इसी के आधार पर बाक़ी दस्तावेज़ होंगे. भाडे पत्र का करारनामा यदि आवेदन करते समय का न होने पर प्रवेश रद्द हो जाएगा .