नागपुर: बच्चों के बैग का वजन उनकी किताबो के कारण उनसे भी ज्यादा हो जाता है. यह मुद्दा कई बार उठाया गया है. लेकिन प्रशासनिक सुस्ती और अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज भी इसपर कोई ठोस उपाययोजना नहीं की गई है. सरकार ने क्लास के हिसाब से बैग का वजन तय किया है.
लेकिन इस नियम का उल्लंघन हमेशा से ही शिक्षा विभाग करता आ रहा है. इसी मुद्दे को लेकर आरटीई एक्शन कमेटी की ओर से और पालको द्वारा प्रदर्शन किया गया. इसमें पहले कुछ स्कूलों के बच्चों के बैग का वजन किया गया. उसके बाद प्रशासन के खिलाफ विरोध किया गया. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए गए नियम के अनुसार पहली से दूसरी क्लास के बच्चे के बैग का वजन 1.5 किलों होंना चाहिए.
इसी तरह से तीसरी से पांचवी 4 किलों, आठवीं से नववी 4 से 5 किलों, और 10वी के बच्चे के बैग का वजन 5 किलों होना चाहिए. लेकिन किसी भी स्कुल में इस नियम का पालन होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. बैग का ज्यादा वजन यानी जेजे एक्ट की धारा 75 का सीधा उल्लंघन है. बुधवार को संदीपनी, टिप टॉप, बूटी पब्लिक स्कुल, विद्या साधना और संचेती स्कूलों के बच्चों के बैग का वजन किया गया. जो की ज्यादा पाया गया. इस नियमो का उल्लंघन करने के विरोध में ही यह प्रदर्शन किया गया.
इस समय वेरिफिकेशन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने बताया की स्कुल को आदेश स्टेट बोर्ड पढ़ाने को दिया है. लेकिन स्कूलों की ओर से सीबीएसई बोर्ड पढ़ाया जा रहा है. अगर इसके अतिरिक्त पैसे लिए जाएंगे तो यह नियम का सीधे तौर पर उल्लंघन है. बच्चे के बैग के वजन में भी प्रशासन गंभीर नहीं है.