नई दिल्ली: राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। RSS ने कहा है कि लोग मोदी सरकार के कार्यकाल में ही राम मंदिर बनने की उम्मीद कर रहे हैं। संघ का कहना है कि पीएम मोदी को इसलिए चुना गया है, क्योंकि वह मंदिर निर्माण का भरसक प्रयास कर सकें। वहीं RSS के भैयाजी जोशी ने कहा है कि देश में सभी राम मंदिर बनते देखना चाहते हैं। इसके अलावा अयोध्या मामले पर मुस्लिम पक्षकार मो. इकबाल अंसारी ने पीएम मोदी के बयान का स्वागत किया है। वहीं रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने पीएम मोदी के बयान पर नाराजगी जताई है।
सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने RSS के माध्यम से ट्वीट कर कहा, ‘पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए संविधान के दायरे में उपलब्ध सभी संभाव्य प्रयास करने का वादा किया है। भारत की जनता ने उनपर विश्वास व्यक्त कर भाजपा को बहुमत दिया है। इस प्रस्ताव में भाजपा ने कहा था कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए परस्पर संवाद से अथवा सुयोग्य क़ानून बनाने का प्रयत्न करेंगे। हमें आज का प्रधानमंत्री का वक्तव्य मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्मक कदम लगता है। प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर बनाने के संकल्प का अपने साक्षात्कार में पुनः स्मरण करना यह भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में पारित प्रस्ताव के अनुरूप ही है।’
वहीं RSS लीडर भैयाजी जोशी ने कहा, ‘हमने राम मंदिर को लेकर अपनी मांग सरकार के सामने रख दी है। हमने उनसे इसपर लॉ बनाने को लेकर भी कहा है। हम ही क्यों पूरा देश और देश के सभी लोग राम मंदिर बनते देखना चाहते हैं। जो सरकार अभी सत्ता में है, उन्होंने भी राम मंदिर बनाने को लेकर बात कही है।’ वहीं अयोध्या मामले पर मुस्लिम पक्षकार मो. इकबाल अंसारी ने पीएम मोदी के बयान पर सहमती जताई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही सर्वोपरी है।
इस मामले पर साधू-संतों की मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। संत महंत कमल नयन दास ने कहा है कि इस मामले पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से बात हुई थी। अगर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले अध्यादेश आया तो मामला फंस सकता है। इसलिए मैं पीएम मोदी के बयान से सहमत हूं। वहीं अयोध्या के पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि ‘बीजेपी अपने वादों से मुकर रही है। हम साधू-संत कुंभ में मंदिर मुद्दे पर फैसला करेंगे। अगर राम मंदिर बनने के विरोध में फैसला आया तो बीजेपी के लिए 2019 की राह कठिन हो सकती है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साल के पहले इंटरव्यू में कहा कि सरकार राम मंदिर को लेकर तब तक अध्यादेश नहीं लाएगी जब तक इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राम मंदिर कानून के तहत ही बनेगा।
