Published On : Tue, Sep 18th, 2018

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- नागपुर से नहीं चलती सरकार, कभी नहीं जाता फोन

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ संविधान को मानकर चलता है। संविधान के खिलाफ जाकर हमने कोई काम किया हो, ऐसा कोई भी उदाहरण नहीं है। उन्होंने संघ और राजनीति के बीच संबंधों पर भी खुलकर बात की। सरकार के कामकाज में दखल के आरोपों और अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि लोग कयास लगाते हैं कि नागपुर से फोन जाता होगा, यह बिल्कुल गलत बात है। भागवत ने साफ कहा कि नागपुर से सरकार नहीं चलती है।

उन्होंने आगे कहा, ‘केंद्र में काम कर रहे लोग मेरी उम्र के हैं तो राजनीति में वे मेरे से सीनियर हैं। संघ कार्य का जितना मेरा अनुभव है उससे ज्यादा अनुभव उनका राजनीति का है। उनको अपनी राजनीति चलाने के लिए किसी की सलाह की आवश्यकता नहीं है। हम सलाह दे भी नहीं सकते हैं।’ भागवत ने यह भी कहा कि हां, उन्हें सलाह चाहिए और हम दे सकते हैं तो हम देते हैं।

संघ प्रमुख ने कहा कि राजनीति और सरकार की नीतियों पर संघ का कोई प्रभाव नहीं है। वह हमारे स्वयंसेवक हैं और समर्थ हैं अपने क्षेत्र में अपना काम करने के लिए। देश की व्यवस्था में जो सेंटर संविधान से तय हुआ है, वही चलता है और चलना चाहिए, ऐसा हमारा मानना है।

संघ का राजनीति से संबंध क्या है? एक ही दल में क्यों सबसे ज्यादा स्वयंसेवक हैं? बाकी दलों में जाने की उनकी इच्छा क्यों नहीं होती है? इन सवालों का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि इस पर उनको विचार करना है। हम किसी भी स्वयंसेवक को किसी एक विशिष्ट राजनीतिक दल का काम करने के लिए नहीं कहते हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लिए एक विचार को लेकर, एक नीति का स्वप्न लेकर काम करने वालों के पीछे खड़े हो जाओ- ऐसा जरूर कहते हैं। वह नीति किसी भी दल की हो सकती है। राष्ट्रहित की सोचकर स्वयंसेवक नागरिक के नाते अपना कर्तव्य करते हैं। संघ के कार्य में दायित्व धारी कार्यकर्ता राजनीति में बिल्कुल भी नहीं पड़ते हैं। हां, स्वयंसेवक स्वतंत्र हैं, वह कर भी सकते हैं और नहीं भी।

भागवत ने कहा कि संघ का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता है। हम प्रभाव बढ़ाने के लिए काम नहीं करते हैं। ऐसे में संघ का राजनीति से संबंध चला आ रहा है। व्यक्ति निर्माण हमारा मुख्य काम है।