नागपुर: सदर थाना क्षेत्र में 23 साल पहले दर्ज एक मोटरसाइकिल चोरी के मामले में जिला न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पांचों आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में निर्दोष करार दिया। न्यायालय ने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप सिद्ध करने में असफल रहा है।
यह मामला 4-5 दिसंबर 2001 की रात का है, जब शिकायतकर्ता पंकज रवि गुप्ता ने सदर गांधी चौक स्थित अपने घर के बाहर अपनी मोटरसाइकिल लॉक कर खड़ी की थी। सुबह उठने पर बाइक गायब मिली। उन्होंने संदेह के आधार पर पांच युवकों के खिलाफ चोरी की एफआईआर दर्ज करवाई, जिसमें षड्यंत्रपूर्वक मोटरसाइकिल चुराने का आरोप लगाया गया।
कोर्ट में अभियोजन की कमजोर दलीलें
मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने पंचनामा तैयार कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। लेकिन सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने केवल एक गवाह भोलुमल चंदवानी का बयान दर्ज कराया। चंदवानी ने बताया कि पुलिस ने पंचनामा के समय उसे मौके पर नहीं बुलाया था।
कोर्ट ने माना कि सिर्फ यह कहना कि मोटरसाइकिल घर के बाहर लॉक थी, पर्याप्त नहीं है। यह साबित करना अभियोजन की जिम्मेदारी थी कि चोरी इन्हीं आरोपियों ने की थी — जिसे कोई भी ठोस सबूत नहीं दे सका।
फैसला अनुपस्थिति में सुनाया गया
न्यायालय ने यह भी उल्लेख किया कि आरोपी लंबे समय से सुनवाई के दौरान अनुपस्थित थे, जिससे न्याय प्रक्रिया में अनावश्यक देरी हुई। इसलिए कोर्ट ने उनकी अनुपस्थिति में ही निर्णय सुनाने का निर्णय लिया।
निर्दोष घोषित हुए आरोपी
इस मामले में कामठी निवासी सूर्यप्रकाश तिवारी, मनोज घरडे, विकल इरशाद अहमद शेख अलाउद्दीन, संतोष यादव और शाम बाला को आरोपी बनाया गया था। 23 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद आखिरकार अदालत ने सभी को बरी कर दिया।