Published On : Tue, Mar 26th, 2019

बागी बिगाड़ेंगे बीजेपी का खेल

Advertisement

गोंदिया: भंडारा-गोंदिया लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर उपजी नाराजगी ने भाजपा के लिए मुसीबतें बढ़ा दी है। टिकट न मिलने पर भाजपा के 4 बागियों ने पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगूल फूंकते हुए निर्दलीय नामांकन फार्म भर दिया है।

कहावत है.. जिसकी कोई नीति न हो, उसी को राजनीति कहते है? यहां न तो कोई किसी का लंबे वक्त तक दोस्त रहता है और ना ही दुश्मन.. वक्त की नजाकत को देखकर निज स्वार्थ की खातिर नेता अपने हिसाब से करवट बदलते है। चुनावी मौसम शुरू होते ही दल-बदल और रूठने-मनाने का दौर शुरू हो जाता है। कुछ एैसी ही कसरत बीजेपी आलाकमान को अगले 48 घंटे ओर करनी होगी, क्योंकि नामांकन वापसी की तिथी 28 मार्च है जिसके बाद मैदान में डटे उम्मीदवारों की तस्वीर साफ होगी और निर्दलीयों को चुनाव चिन्ह आंबटित किए जायेंगे। इस सीट पर मतदान 11 अप्रैल को होना है।

बहरहाल टिकट न मिलने से नाराज जिन 4 ने बगावत का बिगूल फूंका है उनमें पूर्व सांसद व ओबीसी वर्ग के अखिल भारतीय अध्यक्ष तथा पवार समाज के वोटरों में विशेष पकड़ रखने वाले डॉ. खुशाल बोपचे ने निर्दलीय नामांकन फार्म दाखिल कर चुनाव लड़ने का ऐलान करते कहा- 2014 में तिरोड़ा विधानसभा का विधायक होते हुए लास्ट मौके पर टिकट काट दी गई, जबकि उस वक्त माहौल बीजेपी के पक्ष में था। फिर 2018 का उपचुनाव घोषित होने पर पार्टी की ओर से उन्हें दिलासा दिया गया लेकिन उम्मीदवारी नहीं सौंपी।

निष्ठावानों को पार्टी में ऩजरअंदाज किया जा रहा है, टिकट न देना मेरी सेवा और निष्ठा का अपमान है इसलिए पुरी ताकत से चुनाव मैदान में डटा रहूंगा।

विश्‍वसनीय सूत्रों की मानें तो रूठने-मनाने के इस दौर में डॉ. खुशाल बोपचे के साथ कल रात भाजपा के कुछ बड़े नेताओं ने चर्चा शुरू कर दी है जिनका मानना है कि, वे अपना निर्दलीय दाखिल किया गया पर्चा वापस उठा लेंगे?

तुम रूठे रहो.. मैं मनाता रहूँ..
किसान गजर्र्ना नामक संगठन के संस्थापक अध्यक्ष व किसान नेता राजेंद्र पटले जो मई 2018 में लोकसभा उपचुनाव के दौरान शिवसेना का भंडारा जिलाप्रमुख पद छोड़कर भाजपा में आए थे, उन्हें भी यह उम्मीद थी कि, पार्टी उनको सम्मानजनक स्थान देगी लेकिन टिकट न मिलने से उन्होंने भी निर्दलीय फार्म भरकर बीजेपी की मुश्किल बढ़ा दी है। उसी प्रकार नेशनल फेडरेशन ऑफ फिशरमेन को.ऑप. (दिल्ली) के पूर्व अध्यक्ष तथा विधान परिषद का चुनाव लड़ चुके भंडारा के कदावर नेता डॉ. प्रकाश मालगावे ने भी निर्दलीय फार्म भर दिया है। टिकट की आस लिए एड. विरेंद्र जायसवाल ने जब अपने ख्वाब अधूरे होते देखे तो 18 मार्च को उन्होंने भाजपा ओबीसी मोर्चा प्रदेश सचिव पद से तथा भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तिफा देने की घोषणा प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कर दी और उन्होंने भी बतौर निर्दलीय नामांकन फार्म दाखिल कर चुनावी रण में डटे रहने की घोषणा की है।
भाजपा के यह 4 बागी उम्मीदवार अगर चुनाव में डटे रहते है तो निश्‍चित ही मतदान के दिन पार्टी को इसका खामियाजा भूगतना पड़ सकता है? फिलहाल बागियों को मनाने की कोशिशें प्रदेश आलाकमान की ओर से तेज कर दी गई है।


रवि आर्य