नागपुर: रामझूला हिट एंड रन मामले (Ramjhula Hit & Run Case) में निचली अदालत ने आरोपी ऋतू मालू (Ritu Maloo) की गिरफ़्तारी को अवैध बताते हुए रिहा करने का आदेश दिया था। अदालत के इस निर्णय से पुलिस को बड़ा झटका लगा। वहीं निचली अदालत (Session Court) के खिलाफ तहसील पुलिस ने उच्च न्यायालय (High Court) में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद पुलिस ने याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
नागपुर के राम झूला पुल पर 24 फरवरी की रात रितु मालू , माधुरी शारडा के साथ सीपी क्लब से पार्टी करने के बाद अपनी मर्सिडीज कार से दुपहिया सवार मोहम्मद हुसैन और मोहम्मद आतिफ नामक युवकों को टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में तहसील पुलिस ने दुर्घटना का मामला दर्ज कर रितु मालू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, तब कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया था। लेकिन बाद में उसके खिलाफ सदोष मनुष्य वध का मामला दर्ज किया गया।
सोमवार को किया था आत्मसमर्पण
मामला दर्ज होने के बाद से मालू फरार चल रही थी। इसी दौरान उसने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी। हालांकि, अदालत ने मालू को जमानत देने से इनकार करते हुए याचिका को ख़ारिज कर दिया था। याचिका रद्द होने के बाद से मालू पर गिरफ़्तारी की तलवार अटक रही थी। जिसके बाद सोमवार को उसने आत्मसर्पण किया।
पुलिस की गिरफ़्तारी को बताया था अवैध
पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद मंगलवार को जिला वा सत्र न्यायालय में जस्टिस एवी खेडेकर की अदालत में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस ने मालू की पीसीआर की मांग की। वहीं मालू की वकील ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने मालू की गिरफ़्तारी को अवैध ठहराया और पीसीआर की मांग को ख़ारिज कर दिया। इसी के साथ अदालत ने मालू को तुरंत छोड़ने का आदेश अदालत को दिया है।