Published On : Mon, Aug 27th, 2018

रेलवे की 182 सेवा की विश्वस्नीयता को लेकर उठे रहे सवाल

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नागपुर: पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा शुरू की गई रेलवे हेल्पलाइन 182 सेवा अब पूरी तरह से लड़खड़ा गई है. एक ओर रेलवे 182 नंबर के प्रचार प्रसार में करोड़ों खर्च कर रही है, विभिन्न अभियान चला रही है. दूसरी तरफ, नंबर है कि मोबाइल कम्पनियों के अनुसार रिस्पांस दे रहा है. यह बात और कि सहायता के लिए कंट्रोल रूम में कब बात होगी, कुछ पता नहीं.

कुल मिलाकर ट्रेनों की लेटलतीफी से आजिज आ चुके यात्रियों को अब रेलवे ने यात्रा के दौरान सुरक्षा संबंधी परेशानियों के लिए ‘अपने सुरक्षा स्वयं करें’ के नियम पर छोड़ दिया है. 182 हेल्पलाइन का नागपुर से रियालटी चेक करने पर हैरान करने वाली स्थिति नजर आई. वर्तमान में देश में 5 बड़ी मोबाइल नेटवर्क प्रदाता कम्पनियां संचालित हैं.

इनमें जियो, वोडाफोन, एयरटेल और आइडिया शामिल हैं. रविवार रात 9 बजे इन कम्पनियों के नंबर से 182 पर कॉल करने पर घंटों तक एक जैसी स्थिति रही.

एक ओर आइडिया और जियो से कॉल तो लगा लेकिन काफी देर तक ‘नंबर व्यस्त’ का रिकार्डेड संदेश चलता रहा. वहीं, वोडाफोन और एयरटेल पर काल फेल्ड होता रहा. बीएसएनएल का भी यही हाल रहा. 1 वर्ष तक पहले तक यह स्थिति बिल्कुल नहीं थी. कॉल करने के कुछ ही सेकंड में सीधे मेन कंट्रोल रूम में यात्री की बात हो जाया करती थी.

ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने करीब 4 वर्ष पहले 182 सेवा जारी की थी. कुछ ही दिनों में यह सेवा काफी पसंद की जाने लगी क्योंकि कुछ ही मिनटों में उनके पास रेलवे सुरक्षा बल की टीम या संबंधित अधिकारी पहुंच जाया करते थे.

सफलता को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने जोर-शोर से इसका प्रचार किया और यह अब भी जारी है, लेकिन पिछले कुछ महीनों से यह सेवा अब भरोसेमंद नहीं रही. देखने में आया है कि 182 पर कुछ राज्यों में निर्धारित मोबाइल सेवा कम्पनी के नंबर से कॉल लग पाता है.

जैसे जिस प्रकार महाराष्ट्र में सिर्फ आइडिया और एयरटेल तो वहीं मध्यप्रदेश में सिर्फ एयरटेल कम्पनी के नंबरों से ही कॉल रहा है. इनमें से कई बार डायल करने के बाद घंटों तक नंबर बिजी ही बताता है.

बता दें कि रेलवे द्वारा जारी हेल्पलाइन 182 नंबर का मेन कंट्रोल रूम दिल्ली में है. यात्रा के दौरान सुरक्षा या अन्य किसी भी सहायता के लिए 182 डायल करने पर पहले इस कंट्रोल रूम में कॉल कनेक्ट होती है. फिर ट्रेन का रनिंग स्टेटस देखकर अगले स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल को सूचित किया जाता है.