- शिक्षा मण्डल के शताब्दी समारोह का शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा
- अभियांत्रिकी महाविद्यालय को आगामी 15 दिनों में मान्यता : मुख्यमंत्री
- शैक्षणिक संस्थाओं को केन्द्र का सहयोग : गडकरी
वर्धा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली ही सर्वांगीण परिवर्तन लानेवाली बड़ी शक्ति है. इसी से विश्व के अग्रणी देशों में भारत का समावेश हो सकता है. उक्त प्रतिपादन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को वर्धा में की. वर्धा शिक्षा मंडल के शताब्दी समारोह के प्रमुख अतिथि के रूप में राष्ट्रपति बोल रहे थे. अवसर पर राज्यपाल सीएच. विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राहुल बजाज, नारायण जाजू, मधुर बजाज, न्यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी, संजय भार्गव उनके साथ मौजूद थे. उन्होंने आगे कहा कि नागरिकों के सर्वांगीण विकास और समानता लाने के साधन के रूप में शिक्षा का उपयोग करने की आवश्यकता है. ‘स्वच्छ भारत और स्वच्छ विद्यालयÓ का उद्देश्य को पूरा करने के लिए और स्वच्छ पर्यावरण वृद्धि करने के लिए महात्मा गांधी से प्रेरणा ली जा सकती है. उन्होंने यह बताया कि अपने देश में नई शिक्षा संकल्पना अर्थात नई तालीम का उदय शिक्षा मण्डलों में गांधी की अध्यक्षता में 1937 में पहला शिक्षा सम्मेलन हुआ था.
वहीं उन्होंने आह्वान किया कि शिक्षा मण्डल के संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी शांति, प्रगति और विकास का संदेश सुदूर पहुँचाएँ. शिक्षा मंडल सबसे कम मूल्य में दर्जेदार शिक्षा दे रहा है. अन्य संस्थाओं को मंडल का अनुकरण करने पर देश में शिक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन होगा. पूरे विश्व में तकनीक आधारित क्रांति होते देख सीखने व सिखाने की प्रक्रिया बदल रही है. 21वीं शताब्दी में शिक्षा की 100 वर्ष की गौरवपूर्ण इतिहास वाली यह संस्था शिक्षा क्षेत्र में अच्छा कार्य किया है. गांधीजी, जमनालाल बजाज से पावन हुई वर्धा नगरी केवल एक भौगोलिक स्थान के रूप में ही नहीं, अपितु सादगी और प्रतिबद्धता का एक प्रेरणास्रोत के रूप में महत्वपूर्ण स्थान है.
वहीं केन्द्रीय भूतल परिवहन व जहाज रानी मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि मूल्याधारित शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा मंडल ने महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. संशोधन में भी संस्था ने अग्रसर रह कौशल्य विकास विकसित करने वाली संस्था को केन्द्र की ओर से सम्पूर्ण सहयोग दिया जाएगा.
शैक्षणिक संस्थाओं को स्वयत्तता : मुख्यमंत्री
कम दर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने वाली संस्था महत्वपूर्ण होती है. ऐसी संस्थाओं को स्वायतत्ता देने के मद्देनजर विद्यापीठ के नियमों में परिवर्तन कर इसके अंतर्गत लाने में शीघ्र प्रयास किया जाएगा. शिक्षा क्षेत्र में बड़ी चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों का सामना करने के लिए शिक्षा पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन कर रोजगारपरक बनाकर लोगों को पूर्ण समक्ष बनाने की कोशिश की जाएगी. शैक्षणिक संस्थाएं केवल पदवी देने वाली संस्था न होकर गुणवत्ता व दर्जादार के साथ कौशल्य आधारित अभ्यासक्रम पर जोर देने की आवश्यकता है. शिक्षा मंडल के प्रस्तावित अभियांत्रिकी महाविद्यालय को आगामी 15 दिनों में मान्यता दे दी जाएगी.
इससे पूर्व शिक्षा मंडल संस्था के विश्वस्त ज्येष्ट स्वतंत्रता सेनानी नारायण जाजू का राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सत्कार किया. प्रारंभिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राहुल बजाज ने 100 वर्ष की शैक्षणिक प्रगति की समीक्षा करते हुए ग्रामीण व जरूरतमंदों को दर्जेदार शिक्षा उपलब्ध कराये जाने की बात बतायी.
राष्ट्रपति को महात्मा गांधी की प्रतिमा देकर राहुल बजाज ने सम्मानित किया. राज्यपाल सीएच. विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी को भी महात्मा गांधी की प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया. शिक्षा मंडल के महासचिव संजय भार्गव ने कार्यक्रम का संचालन कर आभार माना. अवसर पर सांसद रामदास तड़स, विधायक डॉ. पंकज भोयर, समीर कुणावार व लोकप्रतिनिधि, ज्येष्ठ गांधीवादी, शिक्षा मंडल के सभी पदाधिकारी, नागरिक, विद्यार्थी बहुसंख्य उपस्थित थे.