नागपुर. एंटी करप्शन ब्यूरो की विशेष अदालत के न्यायाधीश सीपी जैन ने रिश्वतखोरी के मामले में पीडब्ल्यूडी के क्लर्क को बरी कर दिया. सुधाकर मलहारे को एसीबी ने 1,000 रुपये की रिश्वत के मामले में पकड़ा था. शिकायतकर्ता अपने मेडिकल का बिल और प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी करवाने के लिए कथित आरोपी मलहारे से मिलने उसके कार्यालय गया था.
मलहारे ने उसका काम करने के लिए 1,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी. उसने शिकायतकर्ता का काम तो कर दिया लेकिन 2 महीने की तनख्वाह नहीं मिली. इसके लिए दोबारा मलहारे ने 1,000 रुपये मांगे थे.
पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर एसीबी ने मलहारे को पैसे लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया. बचावपक्ष के वकील प्रकाश नायडू ने न्यायालय को बताया कि अभियोजन पक्ष आरोप सिद्ध करने में पूरी तरह विफल रहा है. जांच अधिकारी को ट्रैप लगाने से पहले वेरिफिकेशन करना होता है जो नहीं किया गया.
दोनों के बीच हुई बातचीत से भी यह साबित नहीं होता कि उसने रिश्वत की मांग की थी. न्यायालय ने बचावपक्ष की पैरवी को ध्यान में रखते हुए मलहारे को बरी कर दिया. अधि. होमेश चौहान, मितेश बैस और सुरभि नायडू ने बचावपक्ष को सहयोग किया.