Published On : Fri, Aug 30th, 2019

कनक राज समाप्ति पर विवादस्पद बीवीजी को दूल्हा बनाने की तैयारी

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– जयपुर नगर निगम ने कचरा संग्रहण प्रकल्प के तहत फेज ३ के काम को बीवीजी कंपनी से काम वापस लेने की तैयारी शुरू की

नागपुर : पिछले १५ वर्षों से भी ज्यादा समय तक विभिन्न नामों के तहत कनक ने नागपुर मनपा क्षेत्र में कचरा संकलन का मोर्चा संभाला,जब कनक से खाकी-खादी का मोह भंग हो गया तो उससे पल्ला छुड़ाने की कार्रवाई शुरू हुई.नए सिरे से निविदा निकाली गई,जिसमें सिरे से कनक आपोआप बाहर हो गई और जयपुर नगर निगम में कार्यरत विवादस्पद कंपनी ‘बीवीजी’ पास हो गई,जिसे १६०० रूपए प्रति टन के आसपास दर से काम दिए जाने का अंतिम निर्णय होना शेष हैं.

कनक एक बैनर था,उसकी मशीनरी थी और कर्मियों के नाम पर उंगलियों पर गिनने लायक उनके अपने थे.शेष नगरसेवकों के सिफारिशों पर तैनात कार्यकर्ता/बेरोजगार/मजबूर तैनात थे.जो काम ५०-५० और नेतागिरी ५०-५० किया करते थे.इस चक्कर में कई छुटभैय्ये कामगार संगठन आयेदिन रोजमर्रा के कामकाजों में बाधा पहुंचाते देखे गए.नतीजा कनक को दिए गए मुख्य जिम्मेदारी पूर्ण नहीं होती रही.सबसे खास बात कनक इतनी दुविधा में मुख नहीं खोला लेकिन अपने सिस्टम में बदलाव किया,वह यह कि वजन के हिसाब से उन्हें भुगतान होता था तो वे वजन वाले कामों को तहरिज देते थे.कनक की खासियत यह थी कि वे मनपा के ठेकेदार कंपनियों में अकेली कंपनी थी जो कामगारों को न्यूनतम वेतन अंत तक देते रहे.

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दूसरी ओर कनक के अंतिम वर्ष की शुरुआत में अगले नए ठेकेदार कंपनी जो अत्याधुनिक ढंग से शहर का कचरा संकलन करें उसकी तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी थी.तब यह भी निर्णय हुआ था कि इस दफे सम्पूर्ण शहर के लिए २ ठेकेदार कंपनियों की नियुक्ति की जाएंगी,ताकि उनकी मोनोपॉली न रहे.

इस क्रम में निविदाएं आमंत्रित की गई,३ कंपनियों ने भाग लिया।जब निविदाएं खुली तो तकनिकी तौर पर कनक को अनउत्तीर्ण कर दिया गया.जानकारी मिली हैं कि आगे की कार्यवाही में ‘बीवीजी’ कंपनी को ‘१६६५’ प्रति टन के हिसाब से काम देने का निर्णय लिया जाने वाला हैं.इसी दर में दूसरी कंपनी को काम करना भी बाध्य रहेंगा। सम्पूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण होने और नई कंपनी को कामकाज शुरू करने में दिसंबर माह लगने की संभावना मनपा स्वास्थ्य विभाग ने जताई हैं.जबकि कनक को वर्त्तमान में १४३६ रूपए प्रति टन दिया जा रहा.इसके अलावा घर-घर से कचरा संकलन शुल्क ६० रूपए मासिक भी ‘बीवीजी’ को दिया जाएगा ?

उल्लेखनीय यह हैं कि इस दरम्यान खबर मिली कि बीवीजी कंपनी जो जयपुर नगर निगम में कचरा संकलन की ठेकेदारी कर रही थी,जिसके काम से असंतुष्ट प्रशासन ने उन पर ७८ लाख की पेनल्टी ठोक दी हैं.इनके पास घर-घर से कचरा संकलन की जिम्मेदारी थी.बीवीजी कंपनी पर कार्रवाई इसलिए की गई कि वे घर-घर से कचरा संकलन में असफल रहे.जयपुर नगर निगम की सत्ताधारी पक्ष बीवीजी कंपनी को दी गई जिम्मेदारी को वापिस लेने की की तैयारी कर ली हैं.जिसका प्रस्ताव भी तैयार होकर आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित किया जा चूका हैं.

इसके पूर्व उज्जैन मनपा में भी वर्ष २०१६ को कचरा संकलन का जिम्मेदारी मिले इसलिए आवेदन किया था,जहां उन्हें सफलता नहीं मिली।इसके बाद वे काम प्राप्ति के लिए न्यायालय की शरण में गए ,जहां भी असफलता मिली।

इसी वर्ष जुलाई में दक्षिण भारत के वारसी शहर में इन्हें कचरा संकलन का काम मिला था था भी वे फेल हो गए.

यह नागपुर के मेयो अस्पताल में भी साफ़-सफाई का ठेकेदारी कर रहे है,जहां वे अपने कर्मियों को न्यूनतम वेतन भी नहीं दे रहे,ऐसा उनके ही संबंधितों का कहना हैं.

‘बीवीजी’ समूह पुणे के एक खादीधारी की हैं,जिसको नागपुर में मनपा के सत्ताधारी एक वरिष्ठ नगरसेवक के माध्यम से ‘लांच’ करने की पहल जारी हैं.
मनपा प्रशासन,स्वास्थ्य समिति सह पदाधिकारी आदि बीवीजी के खिलाफ उक्त सभी मसलों पर सूक्ष्म जाँच पड़ताल के बाद ही ठेकेदारी देने का निर्णय लें अन्यथा ‘ सर पटकने के शिवाय’ कोई चारा नहीं रह जाएगा।

… Rajeev Ranjan Khushwaha

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